केवल राजनीति ही नहीं सेना से भी जुड़े हैं सचिन पायलट, हर साल सेना के साथ बिताते हैं हफ्ते
सचिन पायलट के राजनीति से जुड़े किस्सों को तो आप ने जरूर सुना होगा। अपने तेज तर्राक तेवरों के चलते राजनीति में उनकी अलग जगह है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सचिन पायलट का भारतीय सेना से भी खासा जुड़ाव है।

कांग्रेस नेता सचिन पायलट हर साल कुछ हफ्ते भारतीय सेना के साथ समय बिताते हैं, क्योंकि उनका यह मानना है कि यह अनुभव उन्हें नेतृत्व क्षमता, शारीरिक फिटनेस और मानसिक मजबूती में मदद करता है। उनका मानना है कि सेना में समय बिताने से उन्हें अनुशासन, जिम्मेदारी और अपने आत्मविश्वास को मजबूत करने का अवसर मिलता है। साथ ही यह उनके और सेना के बीच एक मजबूत संबंध भी स्थापित करता है।
प्रादेशिक सेना की ली है ट्रेनिंग
सचिन पायलट ने प्रादेशिक सेना (Territorial Army) की ट्रेनिंग ली है। यह ट्रेनिंग उन्होंने 2004 में शुरू की थी, जब उन्होंने भारतीय सेना की प्रादेशिक सेना में कमीशन प्राप्त किया था। पायलट को लेफ्टिनेंट के तौर पर नियुक्त किया गया था। उन्होंने कुछ समय तक सेना के साथ प्रशिक्षण लिया और कुछ समय युद्धाभ्यास और अन्य सैन्य गतिविधियों में भी भाग लिया।
प्रादेशिक सेना एक सहायक सेना होती है, जो नियमित सेना के अलावा नागरिकों को सैन्य प्रशिक्षण प्रदान करती है। ताकि देश की सुरक्षा में आवश्यकता पड़ने पर वो सक्रिय रूप से भाग ले सकें। सचिन पायलट का यह कदम उनके देशभक्ति और सेना के प्रति सम्मान को दर्शाता है, साथ ही यह भी दिखाता है कि वह अपनी जिम्मेदारियों और नेतृत्व की भूमिका को गंभीरता से लेते हैं।
कैप्टन से मेजर पद
सचिन पायलट ने प्रादेशिक सेना में कैप्टन के पद से शुरुआत की थी और बाद में उन्होंने मेजर के पद तक प्रमोशन भी प्राप्त किया। यह प्रमोशन उनकी सैन्य सेवा और प्रदर्शन के आधार पर हुआ। प्रादेशिक सेना में सामान्य नागरिकों को सैन्य प्रशिक्षण दिया जाता है और वो नियमित रूप से एक निश्चित समय अवधि के लिए अपनी सेवाएं देते हैं। सचिन पायलट के लिए यह अनुभव न केवल शारीरिक और मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण था, बल्कि यह उनकी नेतृत्व क्षमता और देश के प्रति प्रतिबद्धता को भी मजबूत करने वाला था।
एयरफोर्स में थे पिता
सचिन पायलट के पिता राजेश पायलट भारतीय वायु सेना में पायलट थे। राजेश पायलट एक प्रतिष्ठित नेता थे, जिन्होंने भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय मंत्री भी थे। राजेश पायलट ने भारतीय वायु सेना में पायलट के तौर पर सेवा दी और उनके सैन्य करियर ने सचिन पायलट पर गहरा प्रभाव डाला। उनके पिता का यह अनुभव सचिन के जीवन में एक प्रेरणा स्रोत बना, जिसने उन्हें सेना के प्रति सम्मान और देशभक्ति की भावना दी। यही कारण है कि सचिन पायलट ने भी सेना के साथ समय बिताने का निर्णय लिया और प्रादेशिक सेना में ट्रेनिंग ली। राजेश पायलट की सेना के प्रति प्रतिबद्धता और देश के प्रति सेवा का उदाहरण सचिन पायलट के जीवन में भी स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।