पाकिस्तान संग सिंधु जल समझौते का करार खत्म होने पर रविंद्र भाटी ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी, की ये जरुरी मांग
रविंद्र भाटी ने जल समझौते को लेकर कहा कि आजादी के बाद से पाकिस्तान द्वारा आतंकवादी गतिविधियों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से निरंतर समर्थन किया जा रहा है, जिसमें भारत के निर्दोष नागरिकों और सेना के जवानों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। ऐसी स्थिति में भारत द्वारा पाकिस्तान को बहुमूल्य जल संसाधनों की आपूर्ति एक गंभीर रणनीतिक और नैतिक प्रश्न खड़ा करती है।

पहलगाम में हुए आंतकी हमले के बाद केंद सरकार द्वारा कई बडे़ कदम उठाए गए हैं। जिसमें सिंधु जल समझौता भी शामिल है। सिंधु नदी का पानी पर तत्काल रोक लगाने का आदेश दिया गया है। अब इस फैसले पर राजस्थान में एक मांग उठ रही है। बीते दिन ये मांग सामने आई थी और रवींद्र भाटी ने भी पीएम मोदी से अपील कर दी है। क्या है पूरी बात? जानिए विस्तार में...
सिंधु जल को लेकर रवींद्र भाटी ने सामने रखी ये मांग
सिंधु जल समझौता रद्द करने को रविंद्र भाटी ने बडी़ मांग सामने रखी है। उन्होंने कहा कि यहृे जल समझौता न केवल हमारे राष्ट्रीय हितों के विपरीत था, बल्कि इससे हमारे देश के नागरिकों में भी असंतोष और आक्रोश व्याप्त था। अब इस पानी को राजस्थान तक पहुंचाकर यहां की सूखी जमीन और लोगों की प्यास बुझाई जा सकती है, क्योंकि पश्चिमी राजस्थान के लोगों को पानी के लिए रोजाना जद्दोजहद करनी पड़ती है।
बता दें, शिव विधायक रविन्द्र सिंह भाटी ने पहलगाम आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में सिंधु जल समझौते को रद्द करने के फैसले के बाद राजस्थान में जल आपूर्ति को ले कर उत्पन्न हुई नई संभावनाओं को लेकर पीएम मोदी को पत्र लिखा है। इस पक्ष में कहा गया है कि अभी हाल ही में पाक प्रायोजित चरमपंथियों द्वारा जम्मू-कश्मीर के पर्यटन स्थल पहलगाम में पर्यटकों पर कायराना हमले के विरूद्ध फैसले लेते हुए कमेटी द्वारा लिये गये निर्णयों में महत्वपूर्ण निर्णय सिंधु जल समझौता, 1960 को रद्द किया गया है। ये जल समझौता तत्कालीन समय की परिस्थितियों में लिया गया था। वर्तमान समय में यह समझौता भारत के हितों के अनुरूप प्रतीत नहीं हो रहा था।
पाकिस्तान जाने वाला पानी राजस्थान के लिए बन सकता है मुश्किल का हल!
रविंद्र भाटी ने जल समझौते को लेकर कहा कि आजादी के बाद से पाकिस्तान द्वारा आतंकवादी गतिविधियों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से निरंतर समर्थन किया जा रहा है, जिसमें भारत के निर्दोष नागरिकों और सेना के जवानों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। ऐसी स्थिति में भारत द्वारा पाकिस्तान को बहुमूल्य जल संसाधनों की आपूर्ति एक गंभीर रणनीतिक और नैतिक प्रश्न खड़ा करती है। ये जल समझौता न केवल हमारे राष्ट्रीय हितों के विपरीत था, बल्कि इससे हमारे देश के तमाम नागरिकों में भी असंतोष और आक्रोश व्याप्त था। राजस्थान का बाड़मेर-जैसलमेर-बालोतरा जिला, जिसकी संपूर्ण अर्थव्यवस्था कृषि एवं पशुपालन पर निर्भर है। इस क्षेत्र में पेयजल की गंभीर समस्या है, जबकि कृषि के लिए मानसून बरसात पर निर्भर रहना पड़ता है। क्षेत्र के पशुपालकों को बरसाती पानी एकत्रित कर पूरे वर्ष भर अपने पशुओं हेतु जद्दोजहद करनी पड़ रही है।
पीएम मोदी के एक्शन पर सभी की नजर
पाकिस्तान के खिलाफ पीएम मोदी और केंद्र सरकार के फैसले और आगे के एक्शन पर सभी की निगाहें हैं। आने वाले समय में पाकिस्तान के खिलाफ ठोस कदम उठाने की बात कही जा रही है। तीनों सेनाओं के प्रमुख और आला नेताओं के साथ पीएम मोदी ने मीटिंग की है। इसी के साथ ही सिंधु जल समझौता खत्म होने के बाद केंद्र सरकार से राजस्थान के लोगों द्वारा की जाने वाली इस मांग पर क्या फैसला किया जाता है। इस पर सभी की नजरे हैं।