Rana Sanga Controversy: राणा सांगा पर टिप्पणी से भड़का मेवाड़, आचार्य प्रमोद कृष्णम ने बताया ‘अपमान की हद’
Rana Sanga Controversy: सपा सांसद रामजी लाल सुमन द्वारा राणा सांगा को 'गद्दार' कहे जाने के बाद मचा विवाद अब और गहराता जा रहा है। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सुमन के बयान की निंदा करते हुए इसे मेवाड़, चित्तौड़ और भारत की शौर्य परंपरा का अपमान बताया। उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से माफी की मांग की और कहा कि बिना शीर्ष नेतृत्व की सहमति, ऐसा बयान संभव नहीं।

राज्यसभा में समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद रामजी लाल सुमन द्वारा दिए गए विवादित बयान ने अब राजनीतिक घमासान का रूप ले लिया है। उन्होंने ऐतिहासिक योद्धा राणा सांगा को "गद्दार" कहकर विवाद खड़ा कर दिया, जिस पर अब आचार्य प्रमोद कृष्णम ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
कल्कि धाम के पीठाधीश्वर और पूर्व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने साफ कहा कि राणा सांगा जैसे राष्ट्रनायक पर ऐसी टिप्पणी सिर्फ मेवाड़ नहीं, बल्कि पूरे राजस्थान और भारत की गौरवशाली भूमि का अपमान है।
'बिना अखिलेश यादव की सहमति, ऐसा बयान संभव नहीं'
एक टीवी इंटरव्यू में आचार्य प्रमोद ने कहा –
"रामजी लाल सुमन ने सपा की सोच उजागर की है। अगर पार्टी सांसद ऐसा बोल रहा है, तो अखिलेश यादव की चुप्पी भी सवालों में है। बिना पार्टी प्रमुख की सहमति के संसद में इतना आपत्तिजनक बयान देना संभव नहीं है। अखिलेश यादव को इस पर माफी मांगनी चाहिए।"
उन्होंने आगे कहा कि इतिहास में राणा सांगा पराक्रम, शौर्य और बलिदान का प्रतीक रहे हैं, और उनके बारे में ऐसी टिप्पणी करना हिंदुस्तान की आत्मा पर चोट जैसा है।
क्या था रामजी लाल सुमन का बयान?
सपा सांसद ने संसद में कहा था –
"अगर मुसलमान बाबर की औलाद हैं, तो बीजेपी वाले उस गद्दार राणा सांगा की औलाद हैं। बाबर को भारत में बुलाने वाला कौन था? इब्राहिम लोदी को हराने के लिए क्या राणा सांगा ने बाबर को नहीं बुलाया था?"
इस बयान ने न केवल राजनीतिक भूचाल खड़ा किया है, बल्कि इतिहासबोध और संवेदनशीलता पर भी गंभीर सवाल उठा दिए हैं।
आचार्य प्रमोद का अन्य मुद्दों पर भी बयान
आचार्य प्रमोद ने स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा पर भी प्रतिक्रिया दी, जिन्होंने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा –
"कॉमेडियन का काम हंसी देना है, राजनीति में जहर घोलना नहीं। शिवसेना को अपनी गरिमा बनाए रखनी चाहिए, लेकिन विरोधियों को जवाब देना उनकी पहचान है।"
इसके अलावा बिहार चुनाव पर उन्होंने दावा किया –
"बिहार में एनडीए की बहुमत की सरकार बनेगी। जनता अब जातिवादी राजनीति से थक चुकी है। राष्ट्रवाद ही अगला एजेंडा होगा।"