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राम नवमी रैली पर बवाल, कोलकाता के पार्क सर्कस में पथराव का आरोप, सियासत गरमाई

कोलकाता के पार्क सर्कस में राम नवमी रैली पर हमले का बीजेपी का दावा, पुलिस ने किया खंडन। बंगाल में धार्मिक आयोजन पर राजनीति गरमाई, विधानसभा चुनाव से पहले गहराता तनाव।

राम नवमी रैली पर बवाल, कोलकाता के पार्क सर्कस में पथराव का आरोप, सियासत गरमाई
कोलकाता में रामनवमी पर बवाल की खबर

कोलकाता: राम नवमी के मौके पर पश्चिम बंगाल में जहां हजारों रैलियां शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुईं, वहीं कोलकाता के पार्क सर्कस सेवन पॉइंट इलाके से आई एक खबर ने माहौल को गर्म कर दिया है। बीजेपी सांसद और बंगाल प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने दावा किया कि राम नवमी की एक रैली पर पत्थरबाजी हुई, जिसमें भगवा झंडे लगे वाहनों को निशाना बनाया गया।

सुकांत मजूमदार ने सोशल मीडिया पर टूटे वाहनों की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, “ये कोई संयोग नहीं था, यह सुनियोजित हमला था। पुलिस मौके पर मौजूद थी, लेकिन मूक दर्शक बनी रही। यह वही पुलिस है जो ममता बनर्जी की राजनीति की बंधक बन चुकी है। उन्होंने इसे “बंगाल के हिंदुओं की एकजुटता से डर का सबूत” करार दिया।

बीजेपी नेता ने यह भी कहा कि यह सिर्फ शुरुआत है। “अगले साल राम नवमी की रैली और बड़ी, और बुलंद होगी। वही पुलिस जो आज चुप थी, तब फूल बरसाएगी,” 

हालांकि, कोलकाता पुलिस ने इन दावों को सिरे से नकारते हुए कहा कि इस इलाके में किसी भी रैली के लिए अनुमति नहीं ली गई थी। उनके अनुसार, जब उन्हें वाहन क्षति की सूचना मिली, तो तुरंत कार्रवाई कर हालात सामान्य कर दिए गए। जनता से अपील है कि किसी अफवाह पर ध्यान न दें,

वहीं, बीजेपी के तरुणज्योति तेवरी ने पुलिस से सवाल पूछा, “क्या पार्क सर्कस में किसी भी आयोजन के लिए अनुमति जरूरी होती है? जब वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ प्रदर्शन हुआ था, तब क्या कोई परमिशन ली गई थी?”

गौरतलब है कि राम नवमी के अवसर पर राज्यभर में 2,000 से ज्यादा रैलियां आयोजित हुईं, जिसमें भाजपा और तृणमूल कांग्रेस दोनों के नेता शामिल हुए। सुरक्षा के लिए 6,000 पुलिसकर्मी, ड्रोन और CCTV की मदद ली गई। राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने शांतिपूर्ण आयोजन के लिए आम जनता और सरकार का आभार जताया।