Rajasthan: राजस्थान पुलिस का होली बहिष्कार,वेतन विसंगति और डीपीसी की मांग पर अड़े पुलिसकर्मी, जानें पूरा मामला
राजस्थान पुलिसकर्मियों ने वेतन विसंगति और डीपीसी की मांगों को लेकर होली का बहिष्कार किया। जयपुर, जोधपुर, हनुमानगढ़ समेत कई जिलों में पुलिसकर्मियों ने होली नहीं मनाई। जानें पूरी खबर।

जयपुर। पुलिसवालों के होली ना खेलने के बाद प्रदेश में सियासत शुरू हो गई है। राजधानी जयपुर से लेकर जोधपुर, हनुमानगढ़, झालावाड़, श्रीगंगानगर समेत तमाम जिलों में बहिष्कार के चलते पुलिसकर्मियों ने होली नहीं खेली। बताया जा रहा है कमिश्नर एसपी ने बाकायदा निमंत्रण भेजा था बावजूद इसके कांस्टेबल से लेकर पुलिस इंस्पेक्टर तक होली मिलन समारोह में नहीं पहुंचे। इसके बाद शीर्ष अधिकारियों ने आपस में मिलजुलकर होली खेली और त्योहार मनाया। कई जगह तो बड़े-बड़े इंतजाम किए गए थे लेकिन पुलिसकर्मियों के न पहुंचने से वो भी धरे के धरे रह गए।
किस बात का बहिष्कार कर रहे पुलिसकर्मी?
ऐसे में हर कोई जानना चाहता है कि आखिर पुलिस कर्मी किस बात से नाराज हैं। दरअसल, बीते कई महीनो से पुलिसकर्मियों की मांग है कि वेतन विसंगति और डीसीपी को लेकर सरकार कोई फैसला ले हालांकि अभी तक शासन की तरफ से कोई भी एक्शन नहीं लिया गया है। जिस वजह से निचले पदों पर तैनात पुलिसकर्मियों में रोश है और सभी ने एक साथ मिलकर होली समारोह का बहिष्कार कर दिया।
आखिर क्या होती है वेतन विसंगति?
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो राजस्थान पुलिस में सिपाही प्रशासनिक सेवा में कनिष्ठ लिपिक और राजस्व विभाग में पटवारी का प्रारंभिक वेतन 5200 ग्रेड पेपर 1900 रुपए और 200200 है। आलम यह है कि 9 साल की ड्यूटी पूरी करने पर जब उन्हें पदोन्नतीमिलती है तब भी सैलरी केवल 1900 से बढ़कर ₹3200 रुपए की जाती है। जबकि कनिष्ठ लिपि को की सैलरी ₹2400 हो जाती है। वहीं सिपाहियों का ग्रेड पे लगभग ₹2000 के करीब होता है।
दूसरी पदोन्नति मिलने पर पटवारी नायाब तहसीलदार बन जाता है और उसे ₹3600 कनिष्ठ लिपिक कार्यालय सहायक पर पदोन्नति होती है और उसे ₹3200 रुपए तो वही सिपाही एसआई के तौर पर ₹2400 पाता है। यानी 27 साल की सेवा पर सिपाही उपनिरीक्षक, पटवारी तहसीलदार और कनिष्ठ लिपिक अधीक्षक बन जाते हैं। तब तहसीलदार को ₹4200 अधीक्षक को₹3600 और उप निरीक्षक को 3600 मिलता है। बस इसी बात से पुलिसकर्मी नाराज हैं और वैसे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।