राजस्थान में निकाय चुनाव से पहले परिसीमन पर सियासी संग्राम, नवंबर में हो सकते हैं चुनाव
Rajasthan Municipal Department: राजस्थान में निकाय परिसीमन को लेकर बवाल तेज, चिड़ावा में पूर्व सरपंच की धमकी से मचा हड़कंप। जानें यूडीएच मंत्री ने चुनावों को लेकर क्या कहा।

राजस्थान की राजनीति इन दिनों गरमाई हुई है, वजह है—स्थानीय निकायों का परिसीमन। सरकार इसे एक प्रशासनिक कवायद बता रही है, लेकिन विपक्ष इसे चुनावी चाल करार दे रहा है। कांग्रेस बार-बार सवाल उठा रही है कि अचानक परिसीमन की क्या ज़रूरत पड़ी? क्या भजनलाल सरकार निकाय चुनाव टालना चाहती है?
इन सवालों के बीच यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने मोर्चा संभाला है। उन्होंने साफ कहा कि सरकार ‘एक प्रदेश, एक चुनाव’ के एजेंडे पर काम कर रही है और नवंबर 2025 में प्रदेश भर में एक साथ निकाय चुनाव करवाने की योजना है।
फिलहाल वार्ड परिसीमन का काम जारी है और आपत्तियां दर्ज की जा रही हैं। मंत्री ने स्पष्ट किया कि सभी राजनीतिक दल और आम लोग इस प्रक्रिया पर आपत्ति दर्ज करा सकते हैं, लेकिन विपक्ष इस लोकतांत्रिक प्रक्रिया को अनावश्यक मुद्दा बना रहा है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि यदि मामला कोर्ट पहुंचा, तो सरकार कानूनी तरीके से मजबूत पक्ष रखेगी।
लेकिन इस बीच मामला और गर्मा गया जब झुंझुनूं के अडूका गांव के पूर्व सरपंच मोहनलाल ने खुले मंच से परिसीमन का समर्थन करने वालों को मर्डर की धमकी दे डाली। 2 अप्रैल को चिड़ावा में हुई एक सभा में दिए गए इस बयान का वीडियो वायरल हो चुका है और प्रशासन सकते में है।
सभा इसलिए हुई क्योंकि चिड़ावा नगरपालिका का दायरा बढ़ाते हुए छह आसपास के गांवों को इसमें शामिल किया गया है। इसमें ओजटू, अडूका, सेहीकलां, डालमिया की ढाणी, खेमू की ढाणी और निजामपुरा शामिल हैं। इस फैसले के विरोध में बापू बाजार में आयोजित जनसभा में ही यह विवादास्पद बयान दिया गया।