राजस्थान में अवैध खनन पर सरकार की बड़ी कार्रवाई, भरतपुर में माफियाओं पर 180 करोड़ का हथौड़ा
Rajasthan Illegal Mining: राजस्थान में अवैध खनन पर ताबड़तोड़ कार्रवाई, भरतपुर में 180 करोड़ का जुर्माना, 26 गिरफ्तार और सैकड़ों मशीनें जब्त।

राजस्थान की धरती जहां एक ओर खनिज संपदा से समृद्ध है, वहीं दूसरी तरफ सालों से अवैध खनन की कालिख में लिपटी रही है। मगर अब हालात बदलते नजर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के ‘जीरो टॉलरेंस’ निर्देशों के बाद खनन विभाग ने पूरे राज्य में अवैध खनन के खिलाफ ज़बरदस्त मोर्चा खोल दिया है।
2 से 9 अप्रैल के बीच पूरे राजस्थान में खनन माफियाओं के खिलाफ सख्त कदम उठाए गए। इस दौरान कुल 339 कार्रवाई की गई, जिनमें 168 वाहन और भारी मशीनें जब्त की गईं। ज़ब्त किए गए खनिजों की मात्रा 24,950 टन से भी अधिक है। 26 लोगों की गिरफ्तारी और 43 एफआईआर ने इस अभियान को कानूनी धार भी दी है। इतना ही नहीं, 1.97 करोड़ रुपये की वसूली कर सीधे राजकोष में जमा भी कराई गई।
सबसे बड़ी कार्रवाई भरतपुर में हुई, जहां खनन विभाग की स्पेशल टीम ने पहाड़ी तहसील के छपरा, धौलेट और नांगल गांवों में छापेमारी की। इन इलाकों में बिना अनुमति खनिज परिवहन, रवन्ना का दुरुपयोग और ‘गैप एरिया’ में अवैध खनन जैसे गंभीर मामले सामने आए। परिणामस्वरूप, 180 करोड़ रुपये से अधिक की शास्ति लगाकर माफियाओं की कमर तोड़ दी गई।
यह अभियान सिर्फ एक प्रशासनिक कार्यवाही नहीं था, यह उस दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचायक है जो अब राज्य सरकार ने प्रदर्शित की है। मुख्यमंत्री शर्मा ने 2 अप्रैल को हुई उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में स्पष्ट संकेत दिया था कि खनिज संपदा की लूट किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी, चाहे अपराधी कितना भी रसूखदार क्यों न हो।
राजस्थान में पहली बार ऐसा देखने को मिल रहा है जब अवैध खनन के खिलाफ इतने सुनियोजित और ठोस एक्शन लिए जा रहे हैं। यह अभियान ना सिर्फ माफियाओं के लिए चेतावनी है, बल्कि जनता के लिए एक भरोसे का संदेश भी—कि अब शासन आंखें मूंदे नहीं बैठेगा।