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Rajasthan: अवैध खनन पर भड़के डोटासरा, बोले- ये सरकार तो मूकदर्शक इनका काम तो...

राजस्थान में अवैध बजरी खनन के मुद्दे पर हाईकोर्ट ने भी इस मामले में तीखी टिप्पणी की है। जानें राजस्थान सरकार की कार्रवाई और गोविंद सिंह डोटासरा के बयान के बारे में। 

Rajasthan:  अवैध खनन पर भड़के डोटासरा, बोले- ये सरकार तो मूकदर्शक इनका काम तो...

जयपुर। प्रदेश में इन दिनों अवैध बजरी खनन का मुद्दा गरमाया हुआ है। हाईकोर्ट ने इस मसले पर तीखी टिप्पणी की है। अदालत ने सुनवाई के आगे अगर जांच की जा रही है तो अभी तक इसे पूरा क्यों नहीं किया। इस दौरान कोर्ट ने सीबीआई अधिकारियों से भी सवाल पूछे। साथ ही 17 मार्च को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए पेश होने के आदेश दिया। कोर्ट का कहना है, सीबीआई जांच में लेटलतीफी कर रही है। जांच का आदेश 2024 में दिया गया था बावजूद इसके ये अभी तक पूरी क्यों नहीं हुई। कोर्ट ने सीबीआई ने जांच धीमी पर जवाब मांगा है।

सदन में भी गूंजा बजरी खनन का मुद्दा 

हाईकोर्ट के साथ विधानसभा सत्र में भी बजरी खनन का मुद्दा जोरों-शोरों से उठाया जा रहा है। बीते दिनों डेगाना से बीजेपी विधायक अजय सिंह किलक ने सदन में अपनी बात रखते हुए नागौर एसपी पर गंभीर आरोप लगाए और कहा, अवैध खनन पुलिस की मिलीभगत से किया जा रहा है। इस दौरान वह कई पुलिस अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते भी नजर आए। कहा, मैं कई बार इस विषय को एसपी के सामने उठा चुका हैं लेकिन इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। जब मैंने ये बात मुख्यमंत्री के सामने रखी तब कही जाकर भ्रष्ट थांवला थानाधिकारी को हटाया गया है। 

गोविंद सिंह डोटासरा भी हुए हमलावर

हाईकोर्ट की टिप्पड़ी के बाद कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का बयान भी सामने आया है। डोटासरा ने एक्स पर ट्वीट करते हुए लिखा- "प्रदेश में अवैध खनन, बजरी की लूट के लिए अदालत, कानून और नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। प्रदेश के "पहरेदार ही हिस्सेदार" बनकर माफियाओं से राज्य को छलनी करा रहे हैं और राजस्थान की संपदा 'लूट' रहे हैं। एक तरफ अदालत कह रही है, "पुलिस और खान विभाग की शह पर अवैध खनन हो रहा है। जांच  जांच CBI को सौंपी तो अब CBI कहती है कि "राजस्थान पुलिस सहयोग नहीं कर रही"सरकार के कैबिनेट मंत्री कहते हैं कि "राज्य में हर दिन 7 करोड़ की बजरी चोरी हो रही है। माफिया 'पुष्पा' बनकर अवैध खनन की रीलें अपलोड करके कानून व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं। वन विभाग के कर्मचारी और ईमानदार पुलिसकर्मी माफियाओं का निशाना बन रहे हैंऔर ये सब इसलिए हो रहा है। क्योंकि माफियाओं को भाजपा सरकार से संरक्षण प्राप्त है, जो अब पूरी तरह उजागर हो चुका है।"