राजस्थान में लू का प्रकोप, नरेगा कामगारों के लिए सरकार का नया नियम
राजस्थान में गर्मी बढ़ने के कारण नरेगा श्रमिकों को अब 8 घंटे के काम में 1 घंटे का ब्रेक अनिवार्य मिलेगा। जानिए नए सरकारी आदेश और मौसम के हालात का पूरा अपडेट।

राजस्थान की तपती गर्मी ने आमजन के साथ-साथ श्रमिकों की ज़िंदगी भी कठिन बना दी है। आसमान से आग बरसते तापमान को देखते हुए राज्य सरकार के ग्रामीण विकास विभाग ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) के अंतर्गत काम करने वाले मजदूरों के लिए बड़ा फैसला लिया है।
अब नरेगा कार्यस्थलों पर आठ घंटे की निर्धारित अवधि में एक घंटे का विश्राम अनिवार्य कर दिया गया है। यदि किसी कारण से श्रमिकों को ब्रेक नहीं दिया जाता, तो अधिकतम केवल सात घंटे ही काम करवाया जा सकता है। एसीएस श्रेया गुहा द्वारा जारी इस आदेश को राज्यभर के सभी जिलों में लागू करने के निर्देश दे दिए गए हैं।
इतना ही नहीं, यदि किसी कार्य समूह ने तय समय से पहले काम पूरा कर लिया हो, तो वे समूह प्रमुख की अनुमति के बाद कार्यस्थल छोड़ सकते हैं। यह निर्णय श्रमिकों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और मानवीय गरिमा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
राज्य इस समय भीषण गर्मी की चपेट में है। बुधवार को पिलानी में पारा 44.9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। चूरू, फलौदी और बीकानेर समेत कई स्थानों पर तापमान 43 डिग्री से ऊपर रहा। हालांकि, गुरुवार को पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से कुछ जिलों में हल्की बारिश हुई, जिससे थोड़ी राहत मिली है।
जयपुर स्थित मौसम केंद्र ने बताया है कि शुक्रवार और शनिवार को प्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश हो सकती है। इससे तापमान में 4 से 6 डिग्री की गिरावट आने की संभावना है। लेकिन राहत ज्यादा दिनों की नहीं है—अगले सप्ताह फिर से लू की स्थिति बन सकती है।
इस संकट के बीच सरकार का यह फैसला श्रमिकों के लिए राहत की सांस जैसा है, जो खुले आसमान तले दिनभर पसीना बहाते हैं।