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गोविंद सिंह डोटासरा के विधानसभा में न आने पर बवाल के बड़े है सियासी मायने, समझिए क्या है टकराव का पूरा मामला!

राजस्थान विधानसभा में मंत्री अविनाश गहलोत का बयान, उसके बाद कांग्रेस विधायकों के निलंबन और डोटासरा की टिप्पणी के चलते शुरू हुआ गतिरोध खत्म हो गया है।

गोविंद सिंह डोटासरा के विधानसभा में न आने पर बवाल के बड़े है सियासी मायने, समझिए क्या है टकराव का पूरा मामला!

राजस्थान में एक बार फिर से सत्ताधारी पक्ष और विपक्ष के बीच का विवाद गहरा ही गया। टिप्पणी और फिर माफी का सिलसिला लगातार सुर्खियों में रहा। लेकिन अब मामला संभलता दिख रहा है और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सदन में गोविंद सिंह डोटासरा की टिप्पणी के लिए माफी भी मांग ली है। क्या है पूरी बात, जानिए इस पोस्ट में...

क्या है मामला?

राजस्थान विधानसभा में मंत्री अविनाश गहलोत का बयान, उसके बाद कांग्रेस विधायकों के निलंबन और डोटासरा की टिप्पणी के चलते शुरू हुआ गतिरोध खत्म हो गया है। स्पीकर वासुदेव देवनानी के भावुक होने के बाद नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सदन में गोविंद सिंह डोटासरा की टिप्पणी के लिए माफी भी मांग ली। कांग्रेस के 6 विधायकों का निलंबन भी वापस ले लिया गया। लेकिन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा गतिरोध खत्म होने के बाद भी विधानसभा नहीं आ रहे हैं। डोटासरा का विधानसभा नहीं आना अब कई सियासी सवाल खड़े कर रहा है। 

किस बात पर हुआ टकराव

मामले की शुरुआत बीते हफ्ते विधानसभा में मंत्री अविनाश गहलोत और गोविंद सिंह डोटासरा की टिप्पणी के बाद से हुई। सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच जबरदस्त टकराव हुआ। बात तब ओर बढ़ गई जब छह कांग्रेस विधायकों को निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद कांग्रेस ने विधायकों के निलंबन को वापस लेने की मांग करते हुए सदन के अंदर ही धरना देना शुरू कर दिया।

जिस बात से नाखुश थे गोविंद सिंह डोटासरा

टीकाराम जूली ने गोविंद सिंह डोटासरा की टिप्पणी गरिमा के प्रतिकूल बताया। उन्होंने कहा उसके लिए मैं माफी चाहता हूं, इसमें मुझे कोई संकोच नहीं है। अब डोटासरा के विधानसभा न जाने को लेकर कांग्रेस के अंदर ही कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। वो जयपुर में मौजूद होने के बावजूद विधानसभा नहीं गए, जिससे पार्टी के अंदर ही असंतोष के संकेत मिल रहे है। सियासी गलियारों में चर्चा इस बात की है कि डोटासरा खुद इस फैसले से खुश नहीं थे।