शिक्षा में सीकर फिर निकला सबसे आगे, जयपुर-जोधपुर को पछाड़ा, रिपोर्ट में खुला हाल
Rajasthan Education Ranking: सीकर बना राजस्थान का एजुकेशन चैंपियन, जयपुर-जोधपुर की हालत खराब। राज्य की शिक्षा रैंकिंग रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा।

राजस्थान में जब बात शिक्षा की होती है, तो बड़े शहरों के नाम अक्सर जे़हन में आते हैं, लेकिन इस बार तस्वीर बिल्कुल उलट है। सीकर ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि समर्पण, सामूहिक प्रयास और शिक्षा के प्रति सजगता से वह प्रदेश का शिक्षा हब बनता जा रहा है। राज्य स्कूल शिक्षा परिषद की ओर से जारी नवीनतम समग्र शिक्षा रैंकिंग में सीकर ने पहला स्थान हासिल कर सबको पीछे छोड़ दिया है।
सीकर पहले भी दिसंबर माह में टॉप पर रहा था, लेकिन उसके बाद दो महीनों तक रैंकिंग में थोड़ा पिछड़ गया था। अब मार्च में एक बार फिर उसने मजबूती से वापसी की है। दूसरे स्थान पर चूरू ने परचम लहराया है, जबकि तीसरे पर नागौर, चौथे पर हनुमानगढ़ और पांचवें पर पाली जिला रहा। हैरानी की बात यह है कि किसी भी संभाग मुख्यालय ने टॉप-5 में जगह नहीं बनाई।
जहां सीकर और चूरू जैसे अपेक्षाकृत छोटे जिले बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं राजधानी जयपुर 17वें और शैक्षणिक संसाधनों से भरपूर जोधपुर 28वें स्थान पर सिमट गया। यही नहीं, उदयपुर 23वें, कोटा 8वें, अजमेर 13वें, भरतपुर 18वें और बीकानेर 32वें स्थान पर रहे। इन आंकड़ों से साफ है कि शिक्षा के क्षेत्र में जिलों के बीच बहुत बड़ा अंतर है।
रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि कुछ जिलों की हालत बेहद चिंताजनक है। बांसवाड़ा, बीकानेर, दौसा, बारां और जैसलमेर रैंकिंग में सबसे निचले पायदानों पर हैं। ये आंकड़े न केवल प्रशासन को चेतावनी देते हैं, बल्कि ज़मीनी हकीकत को भी सामने लाते हैं।
शिक्षा विभाग ने 150 अंकों की स्कीम पर जिलों की परफॉर्मेंस का मूल्यांकन किया जिसमें शैक्षिक स्तर, नामांकन दर, बोर्ड रिजल्ट, टीचर-पेरेंट मीटिंग्स में उपस्थिति, पुस्तक वितरण, आधारभूत सुविधाएं और सामुदायिक भागीदारी जैसे 12 से अधिक बिंदु शामिल किए गए।