'सड़क या श्मशान'? जानिए Rajasthan की इस 'खूनी सड़क' की खौफनाक सच्चाई
राजसमंद जिले में स्थित देसूरी नाट घाट का पंजाब मोड़, जहाँ सैकड़ों जानें जा चुकी हैं। खतरनाक मोड़ों का यह रास्ता, 'खून सड़क' के नाम से भी जाना जाता है। जानिए क्यों प्रशासन इस समस्या का समाधान नहीं कर पा रहा है।

जयपुर। राजस्थान समृद्ध इतिहास और हजारों किलों का धरोहर है। जिसे देखने देश-दुनिया से करोड़ों लोग आते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं यहां एक ऐसा रास्ता है जो अभी तक सैकड़ों लोगों की जान ले चुका है। ये जगह कोई और नहीं बल्कि राजसमंद जिले में स्थित देसूरी नाट घाट के पंजाब मोड़ की ढलान है। यहां अभी तक 250 से ज्यादा हादसे चुके हैं। वहीं यहां पर ऐसा कोई हफ्ता ऐसा हो जहां एक्सीडेंट नहीं होता हो। छोटे-मोटे हादसों की रिकॉर्ड में भी चर्चा नहीं की जाती है।
10 किलोमीटर के मोड़ पर खरतरनाक रास्ते
बताया जाता है पंजाब मोड़ की ढलान रास्ता लगभग 10 किलोमीटर लंबा है यहां पर हादसे को दावत देने के लिए एक नहीं बल्कि कई मोड़ हैं। जिनमें शनि महाराज मंदिर मोड़, कसाई पुलिया, नाग देवता मंदिर मोड़ भी हैं। जहां अक्सर बड़ी घटनाएं होती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं, इसे खून सड़क भी कहा जाता है। जहां 2007 में रामदेवरा जा रहे वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। हादसे में 89 लोगों ने जान गंवाई थीं। इसे एशिया का सबसे बड़ा हादस भी कहा गया।
हादसों को रोकने के लिए उठाए गए कदम
हादसों को रोकने के लिए प्रशासन सख्त कदम उठा रहा है। फ्लाईओवर और सड़क चौड़ीकरण के लिए RSRDC ने 2020 में 258.77 करोड़ का प्रस्ताव सार्वजनिक निर्माण विभाग को भेजा था, हालांकि इसे स्वीकृति नहीं मिली और मामला ठंडे बस्ते में चला गया। हैरान कर निर्माण कार्य के लिए वन विभाग एनओसी नहीं दे रहा है। अगर आने वाले समय में भी एनओसी नहीं मिली तो इस कदर हादसे होते रहेंगे। खैर देखना होगा, प्रशासन और शासन इसकी सुध कब लेते हैं।