Trendingट्रेंडिंग
विज़ुअल स्टोरी

Trending Visual Stories और देखें
विज़ुअल स्टोरी

राजस्थान विधानसभा में जिलों के रद्द करने पर भारी हंगामा, वेल में पहुंचे कांग्रेस नेता,कहा- तथ्यों के साथ...

राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र में जिलों को रद्द करने के मुद्दे पर भारी हंगामा हुआ। विपक्ष ने सरकार पर मनमाने तरीके से जिलों को खत्म करने का आरोप लगाया। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने विपक्ष को जवाब देते हुए कहा कि जिले बनाना ही गलत फैसला था। 

राजस्थान विधानसभा में जिलों के रद्द करने पर भारी हंगामा, वेल में पहुंचे कांग्रेस नेता,कहा- तथ्यों के साथ...

राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र में गुरुवार को भजनलाल सरकार द्वारा नए जिलों के मुद्दे करने पर जमकर हंगामा हुआ है। इस दौरान विपक्ष ने सरकार पर 'पिक एंड चूज' की नीति अपनाने का आरोप लगाया। कांग्रेस विधायकों हंगामा करने के दौरान जमकर नारेबाजी की और वेल में पहुंच गए। विपक्ष के हंगामें पर विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दिया था।

बिना वजह रद्द हुए जिले

नए जिलों को रद्द करने पर विधायक सुरेश मोदी ने कहा कि, 'सरकार ने बिना किसी ठोस आधार के गहलोत सरकार में बनाए गए जिलों को रद्द किया है। कई स्थानों का तो दौरा भी नहीं हुआ।' विधायक रामकेश मीणा ने सरकार पर आरोप लगाते कहा, 'सरकार ने पहले ही तय कर लिया था कि किन जिलों को खत्म करना है, इसीलिए ही मापदंड को मनमाने तरीके से किया गया है।'

जोगाराम ने विपक्ष को दिया जवाब

सदन में संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि, 'राजस्थान में जिलों का पुनर्गठन करने की कोई आवश्यकता ही नहीं थी। कांग्रेस ने 1998 में मध्य प्रदेश की नकल करते हुए जिलों को बनाया था, लेकिन वहां पर कांग्रेस की सरकार रिपीट हुई, लेकिन राजस्थान में ऐसा नहीं हुआ।'

सदन में पेश करो तथ्य

जोगाराम पटेल के जवाब पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने पलटवार करते हुए कहा, 'सरकार सिर्फ भाषण दे रही है तथ्यों के साथ पूरी रिपोर्ट को पेश करें।' इसके बाद जब रिपोर्ट को पेश नहीं किया गया तो कांग्रेस नेता नारेबाजी करते हुए वेल में पहुंच गए। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया था।

उल्टे-सीधे जवाब दे रही सरकार

सदन से बाहर आकर कांग्रेस विधायक रामकेश मीणा ने कहा भजनलाल सरकार के पास कोई जवाब ही नहीं है। सरकार तथ्य पेश करने के बजाय उल्टे सीधे जवाब दे रही है। सरकार मनमाने तरीके से जिलों को रद्द कर रही है।