Trendingट्रेंडिंग
विज़ुअल स्टोरी

Trending Visual Stories और देखें
विज़ुअल स्टोरी

राजस्थान के सेवन वंडर्स पार्क को ध्वस्त करने पर हुआ 'फैसला' , जानिए क्या है पूरी बात

राजस्थान के अजमेर के आनासागर झील के किनारे बने सेवन वंडर्स पर बुलडोजर एक्शन हुआ है। ये मामला सुप्रीम कोर्ट के पास जाने के बाद इस पर स्टे लगा दिया गया था। NGT ने इस निर्माण का अवैध और नियमों का उल्लंघन बताते हुए इसे ध्वस्त करने का आदेश दिया था।

राजस्थान के सेवन वंडर्स पार्क को ध्वस्त करने पर हुआ 
'फैसला' , जानिए क्या है पूरी बात

राजस्थान का सेवन वंडर्स पार्क काफी फेमस है। लेकिन अब इसे तोड़ा जा रहा है। तमाम एक्शन के बाद यहां पर इसे हटाने का निर्देश दिया गया है। जिसके बाद अब सेवन वंडर्स पार्क मामले में क्या होगा, इस पर प्रदेशवासियों की नजर है। क्या है पूरी बात, जानिए इस आर्टिकल में...

क्या है पूरी बात

राजस्थान के अजमेर के आनासागर झील के किनारे बने सेवन वंडर्स पर बुलडोजर एक्शन हुआ है। ये मामला सुप्रीम कोर्ट के पास जाने के बाद इस पर स्टे लगा दिया गया था। NGT ने इस निर्माण का अवैध और नियमों का उल्लंघन बताते हुए इसे ध्वस्त करने का आदेश दिया था। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा था कि निर्माण भले ही सुंदर हो, लेकिन नियमों का उल्लंघन हुआ है तो तोड़ना पड़ेगा। जिसके बाद बुलडोजर एक्शन स्टार्ट हुआ था। इस दौरान पार्क में लगे स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की मूर्ति भी हटा दी गई। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के बाद कार्रवाई पर रोक लगी थी। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने फिर से 7 वंडर्स को हटाने का आदेश दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा

सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार को आदेश दिया है कि वो इन निर्माणों को तोड़े या कहीं और हटाएं। कोर्ट ने सरकार को 16 मई तक आदेश का पालन करने को कहा है। ऐसे में अब 7 वंडर्स को हटाने के लिए 30 दिन की मोहलत है। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि आनासागर की वैटलेण्ड के बदले दूसरी वैटलेण्ड देने के प्रस्ताव पर फिलहाल कोई ठोस फैसला नहीं लिया है। सरकार को इस प्रस्ताव पर एक विस्तृत और वैज्ञानिक योजना पेश करने को कहा गया है। राज्य सरकार के लिए यह एक बड़ी चुनौती है। कोर्ट ने ये भी निर्देश दिया कि सेवन वंडर्स के ध्वस्तीकरण पर एक अनुपालन रिपोर्ट सरकार पेश करे। अदालत ने राज्य सरकार से कुछ महत्वपूर्ण रिपोर्ट्स भी मांगी हैं। अब इस मामले की अगली सुनवाई 16 मई 2025 को होगी।

120 करोड़ के नुकसान की स्थिती

मामले को लेकर एनजीटी ने अपने फैसले पर साफ निर्देश देते हुए कहा कि वेटलैंड क्षेत्र में किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य न किया जाए, लेकिन अधिकारियों ने नियमों को दरकिनार कर निर्माण जारी रखा। इस वजह से अब 120 करोड़ रुपये के नुकसान की स्थिति पैदा हो गई है। बीजेपी नेता शेखावत ने मांग की कि इस नुकसान की भरपाई उन अधिकारियों से करवाई जाए, जिन्होंने मनमाने तरीके से फैसले लिए है। NGT ने अजमेर स्मार्ट सिटी के तहत बने पार्क से झील के वेटलैंड के पारिस्थितिक संतुलन को नुकसान पहुंचने की बात कही थी।