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'निर्मला ताई' ने तो पेश कर दिया, अब राजस्थान के बजट में दिया कुमारी क्या देंगी गिफ्ट?

राजस्थान विधानसभा में 19 फरवरी को भजनलाल सरकार का दूसरा बजट पेश होने वाला है। जिस पर पूरे प्रदेश के हर वर्ग की उम्मीदें टिकीं हुई हैं।

'निर्मला ताई' ने तो पेश कर दिया, अब राजस्थान के बजट में दिया कुमारी क्या देंगी गिफ्ट?

राजस्थान सरकार का बजट 19 फरवरी को पेश होगा। आपको बता दें कि डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री दिया कुमारी भजनलाल सरकार का दूसरा बजट पेश करेंगी। इस बार बजट से पहले तमाम वर्गों से सुझाव मांगे गए । करीब 1.20 लाख लोगों ने अपने सुझाव भी बजट को लेकर दिए हैं। बताया जा रहा है कि इस बजट में इन सुझावों पर विशेष ध्यान भी दिया जा रहा है। सुझावों की अगर बात करें तो भर्तियां शुरू करने और उसमें पारदर्शिता लाने इसके साथ संविदाकर्मियों के नियमन से जुड़े तमाम सुझाव दिए गए हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार के बजट में डिप्टी सीएम दिया कुमारी प्रदेश की जनता को कई गिफ्ट देने वाली हैं।

रुकी भर्तियों को लेकर हो सकता है फैसला

लंबे समय से युवा राजीव गांधी प्रेरकों की बहाली करने और संविदाकर्मियों के नियमन की मांग कर रहे हैं, उम्मीद है कि सरकार इसको लेकर फैसला ले सकती है। इसके अलावा लंबे समय से शिक्षा विभाग और चिकित्सा विभाग में भर्ती का मुद्दा, भर्ती कैलेंडर तय करने का मुद्दा उठाया जा रहा है। उम्मीद है कि सरकार इस बात का ध्यान भी बजट में रख सकती है।

किसानों को मिल सकती है बड़ी सौगात

प्रदेश में लंबे समय से किसानों की सब्सिडी बढ़ाने और एमएसएमई को प्रोत्साहन देने की मांग की जाती रही है। सरकार इस पर भी बजट में विचार कर सकती है। वहीं स्किल डेवलेपमेंट को बढ़ावा देने के लिए कुछ प्रोग्राम की शुरुआत की जा सकती है।

बिजली सप्लाई में हो सकता है सुधार

ऐसी भी संभावना है कि सरकार नियमित बिजली सप्लाई को सुधारने पर काम कर सकती है। वहीं गिग वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा की गारंटी की मांग पर भी फोकस कर सकती है।

स्वास्थ्य सुविधाओँ की बेहतरी पर काम

प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर विपक्ष लगातार सरकार को घेरता रहा है। उम्मीद है कि इस बजट में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने पर काम किया जा सकता है। इसमें PHC को CHC के रूप में क्रमोन्नत करने और यूनानी चिकित्सालय को बढ़ाने पर भी काम किया जा सकता है। राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना (आरजीएचएस) से संबंधित परेशानियां दूर करने पर भी काम हो सकता है। इसके अलावा वेतन विसंगतियों को दूर करने और संविदाकर्मियों को नियमित करने के भी रास्ते निकाले जा सकते हैं।

महिला सुरक्षा और महिला कल्याण

प्रदेश में महिलाओं के प्रति बढ़ रहे अपराधों को लेकर विपक्ष लगातार सरकार को घेरता आया है। उम्मीद है कि महिलाओँ की सुरक्षा और महिलाओँ के कल्याण को लेकर बजट में नई योजनाओं में काम और पुरानी योजनाओं में सुधार किया जा सकता है।