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राजस्थान कांग्रेस में संगठनात्मक बदलाव और नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति की प्रक्रिया, है कोई सचिन पायलट की टक्कर में ?

राजस्थान कांग्रेस में संगठनात्मक बदलाव होने वाले हैं। पार्टी की मजबूती और आगामी विधानसभा चुनावों में तैयारियों को धार देने के लिए ये बदलाव अहम माने जा रहे हैं।

राजस्थान कांग्रेस में संगठनात्मक बदलाव और नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति की प्रक्रिया, है कोई सचिन पायलट की टक्कर में ?

राजस्थान में कांग्रेस पार्टी अपने संगठन को सुदृढ़ करने और आगामी विधानसभा चुनावों के लिए तैयार करने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण बदलावों की प्रक्रिया में है। पार्टी आलाकमान एक ऐसे प्रदेश अध्यक्ष की तलाश में है, जो कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार कर सके और पार्टी की आंतरिक गुटबाजी को समाप्त कर सके।

संगठनात्मक बदलाव और कार्यप्रणाली में सुधार

पार्टी ने अपने संगठन की कार्यप्रणाली में बदलाव करते हुए, भाजपा की तर्ज पर बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं को स्थायित्व का अहसास कराने का निर्णय लिया है। इस पहल के तहत, प्रत्येक कार्यकर्ता को चुनावी मोड में रखा जाएगा, ताकि वे किसी भी समय चुनाव के लिए तैयार रहें। इसके लिए एक डिजिटल फॉर्म तैयार किया गया है, जिसमें बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं की जानकारी मंडल अध्यक्षों से ली गई है। यह प्रक्रिया 80% तक पूरी हो चुकी है।

पायलट प्रोजेक्ट के रूप में राजस्थान में शुरुआत

राजस्थान में इस पहल को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया गया है। यदि यह प्रयोग सफल होता है, तो इसे पूरे देश में लागू किया जा सकता है। राज्य के 2200 मंडल अध्यक्षों को यह जिम्मेदारी दी गई है, और प्रत्येक मंडल को 15 से 20 बूथ की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति की आवश्यकता

कांग्रेस नेतृत्व चाहता है कि राजस्थान में ऐसा प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया जाए, जो इस प्रयोग को सफल बनाएं और पार्टी कार्यकर्ताओं में ऊर्जा और उत्साह का संचार करें। इससे पार्टी आगामी विधानसभा चुनावों से पहले राज्य में अपनी स्थिति को मजबूत कर सकेगी। इन बदलावों के माध्यम से, कांग्रेस पार्टी अपने संगठन को सुदृढ़ करने और आगामी चुनावों के लिए तैयार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रही है।