राजस्थान विधानसभा में गुलाबी कार्पेट, शाही ठाठ-बाट या जनता से दूरी? कांग्रेस ने साधा निशाना ‘दिखावे की राजनीति’
Rajasthan Politics : अब तक विधानसभा में हरे रंग का कार्पेट बिछा होता था, जो किसानों और हरियाली का प्रतीक माना जाता था। लेकिन अब इसे गुलाबी रंग में बदल दिया गया है, जो शाही ठाठ-बाट और वैभव का प्रतीक माना जाता है।

Rajasthan Politics : राजस्थान की राजनीति में एक नया रंग चढ़ चुका है—गुलाबी! विधानसभा में बजट सत्र से पहले कार्पेट का रंग बदलकर गुलाबी कर दिया गया है, जिसे लेकर अब सियासत गर्मा गई है। विपक्ष इसे सरकार की "राजसी मानसिकता" से जोड़ रहा है, तो सत्ता पक्ष इसे जयपुर की पहचान 'पिंक सिटी' से प्रेरित बताकर सफाई दे रहा है।
हरियाली से हटकर राजसी शान की ओर
अब तक विधानसभा में हरे रंग का कार्पेट बिछा होता था, जो किसानों और हरियाली का प्रतीक माना जाता था। लेकिन अब इसे गुलाबी रंग में बदल दिया गया है, जो शाही ठाठ-बाट और वैभव का प्रतीक माना जाता है। कांग्रेस नेता व नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इस बदलाव पर भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार का ध्यान जनता की समस्याओं पर कम और दिखावे पर ज्यादा है।
"सरकार खुद में उलझी, विपक्ष पर लगा रही आरोप"
जूली ने सरकार को घेरते हुए कहा कि गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम कांग्रेस को मुद्दा-विहीन बता रहे हैं, जबकि खुद उनके गृह जिले भरतपुर में अपराध चरम पर है। उन्होंने आगे कहा कि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा खुद इस्तीफा देना चाहते हैं, सरकार में मतभेद चरम पर हैं, लेकिन जनता का ध्यान भटकाने के लिए ऐसे फैसले लिए जा रहे हैं।
विधानसभा में डिजिटल युग और पिंक टच
इस बार विधानसभा की कार्यवाही पूरी तरह डिजिटल होने जा रही है, जिसके लिए विधायकों की सीटों पर आई-पैड लगाए गए हैं। लेकिन इसी के साथ गुलाबी कार्पेट ने एक अलग चर्चा छेड़ दी है। सरकार इसे जयपुर की ‘पिंक सिटी’ थीम के अनुरूप बता रही है, लेकिन विपक्ष इसे जनता से कटती सरकार की मानसिकता का प्रतीक मान रहा है।