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पंडाल गिरा, भगदड़ मची, और फिर छा गया सन्नाटा...पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा में मचा हड़कंप

Pandit Pradeep MIshra: राजस्थान के चूरू में पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा के दौरान पंडाल गिरने से अफरा-तफरी मच गई। 15,000 लोगों की भीड़ में तीन घायल, आयोजन बिना अनुमति के हो रहा था। जानें पूरी घटना।

पंडाल गिरा, भगदड़ मची, और फिर छा गया सन्नाटा...पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा में मचा हड़कंप
चूरू में पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा में मचा हड़कंप, पंडाल गिरा तो दौड़ पड़ी भीड़

राजस्थान के चूरू जिले में शुक्रवार को जो हुआ, उसने हजारों श्रद्धालुओं के दिलों में दहशत भर दी। प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा चल रही थी, माहौल भक्ति में लीन था। लगभग 15,000 लोग पूरे मन से कथा में डूबे हुए थे कि तभी अचानक मौसम ने करवट ली।

तेज हवाओं और धूल भरी आंधी ने सबकुछ उड़ा दिया। चंद मिनटों में ही वो पंडाल, जो श्रद्धा की छांव बना हुआ था, भरभरा कर ज़मीन पर आ गिरा। चीख-पुकार मच गई, लोगों में भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। कोई अपने बच्चों को संभाल रहा था, तो कोई अपनों को ढूंढने की कोशिश में था। इस भयावह पल में एक पुरुष, एक महिला और एक बच्चे को हल्की चोटें आईं जिन्हें तत्काल इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया।

इस पूरी घटना ने न सिर्फ कार्यक्रम की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए, बल्कि ये भी सामने आया कि यह धार्मिक आयोजन प्रशासन की अनुमति के बिना ही शुरू किया गया था। स्थानीय अधिकारियों ने पहले ही सुरक्षा इंतज़ाम न होने की चेतावनी दी थी, लेकिन आयोजकों ने इसे नजरअंदाज कर दिया।

हैरानी की बात ये रही कि इतनी बड़ी भीड़ के बावजूद मौके पर न तो पर्याप्त पुलिस बल था, न ही मेडिकल सहायता की कोई व्यवस्था। इस लापरवाही का नतीजा यह रहा कि हजारों लोगों की जान खतरे में पड़ गई।

शुक्रवार को शुरू हुई कथा को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है और आयोजन स्थल को खाली करा लिया गया। अब इस पूरे मामले की जांच शुरू हो चुकी है और आयोजकों से जवाब-तलबी की जा रही है।