मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा से अब होगा 166 मासूमों की मौत का हिसाब
मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा से एनआईए की पूछताछ शुरू। 231 कॉल्स, हेडली से रिश्ते और पाकिस्तान कनेक्शन पर हो रहे हैं बड़े खुलासे।

भारत की मिट्टी पर एक बार फिर इंसाफ की आहट सुनाई दे रही है। 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा से अब एनआईए की टीम आमने-सामने सवाल कर रही है। वो सवाल जो 2008 से गूंज रहे हैं—क्यों, कैसे और किसके इशारे पर 166 निर्दोष जानें ली गईं?
गुरुवार को भारत लाए गए तहव्वुर राणा को पटियाला हाउस कोर्ट ने 18 दिन की एनआईए कस्टडी में भेजा। शुक्रवार से पूछताछ की शुरुआत हुई, हालांकि सफर की थकान के चलते पहले दिन ज्यादा सवाल नहीं किए गए। लेकिन शनिवार को एनआईए पूरी तैयारी में थी, एक लंबी सवालों की फेहरिस्त लेकर।
इस जांच का केंद्र है डेविड हेडली और तहव्वुर राणा का आपसी कनेक्शन। एनआईए सूत्रों के अनुसार, हमले से पहले इन दोनों के बीच 231 बार कॉल के जरिए बातचीत हुई थी। हर यात्रा, हर प्लान और हर इनपुट को इन कॉल्स में समेटा गया था।
जब हेडली मुंबई की रेकी करने आया, तो हर बार उसने राणा से संपर्क साधा। एक बार 66 कॉल, कभी 40, तो कभी 33। ये महज कॉल नहीं, बल्कि भारत पर सबसे बड़े आतंकी हमले की पटकथा थी।
तहव्वुर राणा को फिलहाल सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित एनआईए हेडक्वार्टर में कड़ी सुरक्षा में रखा गया है। उसकी हर गतिविधि पर नजर है। इस मामले की जांच एनआईए की डीआईजी जया रॉय के नेतृत्व में हो रही है, जो हर पहलू को नज़र से परख रही हैं।
इस पूछताछ का मकसद साफ है जानना कि लश्कर-ए-तैयबा के साथ राणा के रिश्ते कितने गहरे थे और पाकिस्तान की आईएसआई इस साजिश में कहां-कहां शामिल थी।
भारत अब जवाब चाहता है। 166 परिवारों की चीखें आज भी ज़िंदा हैं और तहव्वुर राणा से उम्मीद है कि वो सच की परतों को खोलेगा।