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अंजान नवजातों की मसीहा बनी महिलाएं, दान कर रहीं ब्रेस्ट मिल्क, पढ़ें पूर खबर

कोटा में मदर मिल्क बैंक की स्थापना से नवजात शिशुओं को मां का दूध मिल रहा है। यह पहल उन बच्चों के लिए वरदान है जिनकी मां नहीं हैं या जिन्हें मां का दूध नहीं मिल पा रहा है।

अंजान नवजातों की मसीहा बनी महिलाएं, दान कर रहीं ब्रेस्ट मिल्क, पढ़ें पूर खबर

जयपुर। कहते हैं, मां के मातृत्व से बड़ा कुछ नहीं होता है। प्रदेश के कोटा से एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां अंजान बच्चों के लिए कुछ माएं अपने-पराएं से ऊपर उठकर अपना दूध दान कर रही है। बता दें, ये सराहनीय काम मातृ शिश जेके लोन अस्पताल में किया जा रहा है। जहां,  मदर मिल्क बैंक की स्थापना की गई है। खास बात है, इस जिले में एमपी से सटे जिलों की रहने वाली महिलाएं भी दूध दान कर रही हैं। ऐसे में जो नवजात किसी कारण मां के दूध से वंचित रह गए थे, उन्हें भी मिल्क बैंक दूध मुहैया करा रहा है। 

हर रोज आती हैं दर्जनों महिलाएं

जानकारी के अनुसार, मिल्क बैंक में प्रतिदिन 1-2 दर्जन महिलाएं आती हैं। जो अंजान नवजात के लिए अपना दूध दान करती है। साथ ही वह हाल में मां बनी महिलाओं से दूध दान करने की अपील भी करती है। बता दें, महिलाएं केवल दिन में तीन बार ये कर सकती हैं। मिल्क बैंक को और बेहतर बनाने के लिए लगातार कार्य किया जा रहा है। मशीनरी से लेकर तमाम उपकरणों को स्थापित किया जा रहा है। मदर्स मिल्क बैंक में दूध जमा करने वाली महिलाओं की पहले जांच की जाती है, जब जाकर वह मिल्क दान करती है। यदि किसी महिला को कोई बीमारी है तो इसे ऐसा करने से मना किया जाता है ताकि नवजात को किसी दिक्कत सामना न करना पड़ें। 

कई जिलों के नवजातों को फायदा

सरकार की ये पहले नवजातों के बेहद काम आ रही है। बूंदी, बारां, कोटा से लेकर झालावाड़ तक नवजातों को मां का दूध नसीब हो रहा है। इतना ही नहीं एमपी से सटे राज्यों में भी परिजनों और बच्चों को इसका फायदा मिल रहा है।