मच्छरों का बवंडर! बच्ची की हालत देख मंत्री भी रह गए हैरान
जोधपुर के धवा, मेलबा और डोली गांवों में मच्छरों का भारी आतंक। बच्ची के चेहरे पर सूजन ने प्रशासन को किया सतर्क, मंत्री ने दिए फौरन फॉगिंग के निर्देश।

जोधपुर: राजस्थान के जोधपुर जिले के धवा, मेलबा और डोली गांव इन दिनों मच्छरों के आतंक से बेहाल हैं। यहां मच्छरों की इतनी भरमार हो गई है कि लोग शाम ढलते ही घरों में दुबकने को मजबूर हो जाते हैं। हालात इतने खराब हैं कि जोजरी नदी से बहते रासायनिक दूषित पानी ने इन गांवों को एक खुली बीमारी की प्रयोगशाला में बदल दिया है। तेज दुर्गंध और सड़ांध भरे इस पानी ने मच्छरों के लिए आदर्श प्रजनन केंद्र बना दिया है, जिससे पूरा इलाका बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
बिजली गुल, बच्ची बनी शिकार
धवा गांव में मच्छरों ने तो जैसे जीना मुहाल कर दिया है। पिछले दो रातों से बिजली गुल होने के चलते लोग मच्छरदानी के बिना सो ही नहीं पा रहे। हालात इतने गंभीर हैं कि मच्छरों के झुंड के झुंड घरों में घुस जाते हैं। इसी बीच, एक मासूम बच्ची के चेहरे पर मच्छरों ने ऐसा हमला किया कि वह पूरी तरह सूज गया। तस्वीरें इतनी विचलित करने वाली थीं कि जब उन्हें राज्य मंत्री केके बिश्नोई को दिखाया गया, तो वो भी स्तब्ध रह गए।
टीम पहुंची सर्वे के लिए
मामले की जानकारी मिलते ही बीसीएमओ डॉ. मोहनदान रत्नू के निर्देश पर चार मेडिकल टीमें गठित की गईं। डॉ. नवीन विश्नोई के नेतृत्व में इन टीमों ने 200 घरों का सर्वे किया और बच्ची की जांच की। सौभाग्य से वह अब स्वस्थ है, लेकिन पूरे क्षेत्र में एंटी लार्वा एक्टिविटी तेज करने के निर्देश दिए गए हैं।
मंत्री ने दिए तुरंत कार्रवाई के आदेश
राज्य मंत्री बिश्नोई जब धवा गांव पहुंचे तो ग्रामीणों ने उन्हें जोजरी नदी के प्रदूषण, बार-बार बिजली कटौती और मच्छरों के आतंक से अवगत कराया। मंत्री ने मौके पर ही प्रशासनिक अधिकारियों व सीएमएचओ से बात कर तत्काल फॉगिंग शुरू कराने और मच्छर नियंत्रण के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए।
ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं। यह सिर्फ मच्छरों का मामला नहीं, बल्कि गांव की सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल है।