Jaipur: घोर कलयुग ! लिव इन में सगे भाई बहन, जीजा बना दुश्मन, फिर अदालत ने जो किया...
राजस्थान हाईकोर्ट ने लिव-इन रिलेशनशिप पर महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। जानें क्या हैं लिव-इन रिलेशनशिप के कानूनी पहलू और क्या हैं अदालत के निर्णय।

जयपुर। लिव इन रिलेशनशिप को लेकर अक्सर विवाद छिड़ा रहता है लेकिन इस बार प्रदेश से ऐसा मामला सामने आया है जिसने सभी को हैरान कर दिया। दरअसल, राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर में एक ऐसे शख्स की याचिका खारिज की है। जो अपनी सगी बहन के साथ लिवइन में था। जब इस बात की भनक बहनोई को लगी तो उसने युवती को नजरबंद कर दिया। जीजा से बहन को छुड़ाने और अपने साथ रखने के लिए युवक ने याचिका दायर की थी। जिस पर अदालत ने खड़ी फटकार लगाते हुए युवक पर 10 हजार का जुर्माना लगाया है।
आखिर क्या है पूरा मामला ?
जानकारी के अनुसार, शख्स ने ये याचिका अपने जीजा के खिलाफ दायर की थी। जिसमें कहा गया था, जीजा ने बहन को जबरदस्ती घर पर नजरबंद करके रखा हुआ है। बहन वहां नहीं रहना चाहती है लेकिन बहनोई उसे मिलने नहीं देता। इस पर याचिकाकर्ता ने कोर्ट में अपील की उसकी बहन को उसके साथ रहने की अनुमति मिले। याचिकाकर्ता को अदालत ने कड़ी फटकार लगाते हुए कहा, विवाहित महिला के साथ किसी भी शख्स को लिव इन रिलेशन में रहने का अधिकार नहीं है। खास जब महिला उसकी सगी बहन हो।
समाज के लिए हानिकाकर ऐसे तत्व- कोर्ट
कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा, इस तरह के प्रकरण को अस्वीकार्य बताया और कहा ये किसी भी स्थित में स्वीकार्य नहीं है। समाज पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। कोई भी विवाहित महिला का शादी के साथ दूसरे पुरुष के साथ रहना सही नहीं ठहराया जा सकता है। ये नैतिक मूल्यों को प्रभावित कर सकता है। अदालत ने कहा, मौलिक अधिकारिकों को दुरुपयोग करने से बचना हमारा कर्तव्य है।