अंधविश्वास का खेल! शरीर नहीं आत्मा लेने हॉस्पिटल पहुंचा परिवार, 4 साल पहले इलाज के दौरान हुई थी बच्चे की मौत, जाने मामला
हॉस्पिटल से आत्मा ले जाने का ये केस पहली बार नहीं आया है। इस तरह के अंधविश्वास के केस पहले भी आ चुके हैं। लोग इसी के चलते उस वार्ड और बेड तक पहुंच जाते थे, जहां पर उनसे जुड़े व्यक्ति की मौत हुई हो।

'अंधविश्वास' के ऐसे मामले कभी-कभी सामने आते हैं, जहां पर लोगों को समझाना मुश्किल होता है। ऐसा ही एक मामला कोटा के एमबीएस हॉस्पिटल में देखने को मिला है। जहां पर एक परिवार बच्चे की आत्मा लेने पहुंचा। जिसकी 4 साल पहले इलाज के दौरान मौत हो गई थी। परिवार के लोगों का कहना है कि बच्चे की मौत के बाद से घर में चीजें बदल गईं।
4 साल बाद आत्मा लेने पहुंचा परिवार
एमबीएस हॉस्पिटल में करीब 4 साल पहले इलाज के दौरान एक बच्चे की मौत हो गई थी। लेकिन अब मंगलवार को मृतक बच्चे के परिवार के लोग उसकी आत्मा लेने अस्पताल पहुंचे। जब हॉस्पिटल अथॉरिटी ने लोगों को अंदर जाने की परमिशन नहीं दी, तब मृतक बच्चे के परिजन और उनके साथ आए ग्रामीणों ने हॉस्पिटल के गेट पर ही पूजा करना शुरु कर दिया।
शरीर में आने लगे देवी-देवता?
हॉस्पिटल अथॉरिटी ने लोगों को जब अंदर जाने की परमिशन नहीं दी, तब लोगों ने दरवाजे पर ही पूजा करना शुरु कर दिया। जानकारी के मुताबिक, पूजा करने के बाद एक महिला के शरीर में देवी-देवता आने लगे। परिजनों का कहना है कि हम किसी को परेशान करने नहीं आए, लेकिन सिर्फ अपने बेटे की आत्मा लेने के लिए आए हैं।
पुलिस लोगों को ले गई चौकी
जानकारी के मुताबिक, इस घटना की सूचना मिलने पर एमबीएस हॉस्पिटल पुलिस पहुंची और कुछ लोगों को अपने साथ अस्पताल परिसर में बनी चौकी में ले गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, झाड़गंज गांव निवासी मृतक बच्चे मनराज के पिता रामफूल केवट ने बताया कि करीब 4 साल पहले उनके बेटे की एमबीएस अस्पताल में बीमारी के चलते इलाज के दौरान मौत हो गई थी। बच्चे की मौत के बाद से परिवार में संकट खड़ा हो गया। परिवार का हर कोई बीमार रहने लगा, जिसके बाद उन्हें बच्चे की आत्मा ले जाने की सलाह दी गई। जिसके चलते वो लोग कोटा पहुंचे थे।
पहले भी आ चुके आत्मा ले जाने के केस
एक रिपोर्ट के मुताबिक, हॉस्पिटल से आत्मा ले जाने का ये केस पहली बार नहीं आया है। इस तरह के अंधविश्वास के केस पहले भी आ चुके हैं। लोग इसी के चलते उस वार्ड और बेड तक पहुंच जाते थे, जहां पर उनसे जुड़े व्यक्ति की मौत हुई हो। जिसके बाद सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सख्त रुख अपनाया गया और आत्मा लेने आने वाले लोगों को गेट पर ही रोका जाने लगा।