Om Kumari Gehlot Passed Away: जोधपुर की पहली महिला महापौर ओम कुमारी नहीं रहीं, सादगी और सेवा की मिसाल छोड़ गईं पीछे
Om Kumari Gehlot Passed Away: जोधपुर की पहली महिला महापौर ओम कुमारी गहलोत का 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है. उनकी सादगी और सेवा भावना को जोधपुर हमेशा याद रखेगा. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया.

Om Kumari Gehlot Passed Away: जोधपुर की राजनीति और समाज सेवा के एक सुनहरे अध्याय का सोमवार रात अंत हो गया. शहर की पहली महिला महापौर ओम कुमारी गहलोत का 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. वे लंबे समय से अस्वस्थ थीं और इलाज चल रहा था, लेकिन आखिरकार वे इस दुनिया को अलविदा कह गईं.
उनके जाने की खबर ने जोधपुर को शोक में डुबो दिया. वे 2004 से 2009 तक जोधपुर नगर निगम की पहली महिला महापौर रहीं और अपने कार्यकाल में उन्होंने शहर को एक नई दिशा देने का काम किया. उनकी सादगी, विनम्रता और कुशल नेतृत्व का हर कोई कायल था. वे सिर्फ एक राजनेता नहीं, बल्कि एक मां, एक मार्गदर्शक और समाज के लिए समर्पित व्यक्तित्व थीं.
एक ऐसा कार्यकाल, जहां विवाद नहीं विकास हुआ
महापौर रहते हुए ओम कुमारी गहलोत ने कभी भी राजनीति को विवादों की भेंट नहीं चढ़ने दिया. उनके कार्यकाल में कभी कोई हंगामा नहीं हुआ. वे हर मुद्दे को बातचीत और आपसी समझ से सुलझाने में विश्वास रखती थीं. जोधपुर के पुराने नगर निगम भवन की जगह उन्होंने पॉलिटेक्निक कॉलेज में नया नगर निगम भवन बनवाया, जहां आज जोधपुर उत्तर और दक्षिण नगर निगम का कामकाज चल रहा है.
नेता हों या कर्मचारी, पक्ष हो या विपक्ष हर कोई उनकी सहजता और सादगी का सम्मान करता था. उन्होंने हमेशा जोधपुर के विकास को प्राथमिकता दी और अपने कार्यकाल में शहर की प्रगति के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए.
पूरा जोधपुर शोक में, नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
https://x.com/ashokgehlot51/status/1896780299742204042
उनके निधन की खबर सुनते ही राजनीतिक और सामाजिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी सोशल मीडिया पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा, "जोधपुर की प्रथम महिला महापौर डॉ. ओम कुमारी गहलोत का निधन बेहद दुखद है. ईश्वर से दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान एवं परिजनों को हिम्मत देने की प्रार्थना करता हूं."
विनम्रता की प्रतिमा, जोधपुर को हमेशा आएगी याद
ओम कुमारी गहलोत सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि सच्चे जनसेवा की मिसाल थीं. उनके जाने से जोधपुर ने एक महान नेता, एक सशक्त महिला और एक आदर्श व्यक्तित्व को खो दिया है.