Rajasthan News: मेडिकल स्टोर बना मौत का अड्डा, किशोर के हाथों में बैन दवाएं
जयपुर के जमवा रामगढ़ में बैन दवाओं की तस्करी का खुलासा, SMS अस्पताल से जुड़े कर्मी समेत 4 आरोपी गिरफ्तार। पढ़ें पूरी खबर।

जयपुर की सड़कों पर दौड़ते बच्चों की मासूमियत के पीछे अगर कोई अंधेरा छिपा हो, तो उसकी सच्चाई चौंका देती है। शुक्रवार को जमवा रामगढ़ पुलिस ने एक ऐसे ही साए को उजागर किया. एक ऐसा संगठित गिरोह जो प्रतिबंधित नशीली दवाओं के ज़रिए किशोरों को अंधेरे की गर्त में धकेल रहा था।
यह मामला तब सामने आया जब 24 फरवरी को आंधी कस्बे में पुलिस ने एक नाबालिग को संदिग्ध हालत में रोका। उसकी तलाशी में जो निकला, उसने सबको सन्न कर दिया. 8840 ट्रामाडोल कैप्सूल और 750 अल्प्राजोलम गोलियां। ये दोनों दवाएं मानसिक स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित करती हैं और इनकी बिक्री देश में प्रतिबंधित है।
लेकिन चौंकाने वाली बात तब सामने आई जब उस नाबालिग ने बताया कि ये दवाएं उसे किसी अजनबी से नहीं, बल्कि उसके पिता रामराय ने दी थीं। पुलिस ने रामराय को तुरंत हिरासत में लिया और पूछताछ में जो सामने आया, वो हैरान कर देने वाला था।
रामराय ने खुलासा किया कि ये दवाएं उसे एसएमएस अस्पताल के दवा वितरण केंद्र के ठेका कर्मी जितेंद्र कुमार और पास ही स्थित एक निजी मेडिकल स्टोर के संचालक जितेंद्र शर्मा से मिली थीं। पूछताछ में एक और नाम जुड़ा—विनोद, जिसे भी तुरंत गिरफ्तार किया गया।
ये लोग सिर्फ कानून तोड़ने के दोषी नहीं हैं, ये समाज के सबसे नाजुक हिस्से—युवाओं की ज़िंदगी—से खिलवाड़ कर रहे थे। पुलिस को शक है कि यह कोई छोटा-मोटा काम नहीं, बल्कि एक बड़ा नेटवर्क है जो कई शहरों तक फैला हो सकता है। पूछताछ अब भी जारी है और सप्लायरों की तलाश में पुलिस कई पहलुओं पर जांच कर रही है।