"मैं किसान का बेटा हूं, मेरा पसीना ही मेरा सोपान" – सीएम भजनलाल, राजस्थान विधानसभा में गूंजा किसानों का मुद्दा
भजनलाल के इस भावनात्मक बयान के बाद विपक्ष ने सरकार की किसान नीतियों पर सवाल उठाए। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार किसानों के हितों के लिए केवल घोषणाएं करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर राहत नहीं पहुंचाती।

जयपुर। राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने संबोधन में किसानों और मेहनतकश जनता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की। उन्होंने कहा, "मैं किसान का बेटा हूं और मेरा पसीना ही मेरा सोपान है।" सीएम के इस बयान ने सदन में नई ऊर्जा भर दी और सत्तापक्ष के विधायकों ने जमकर मेजें थपथपाईं।
किसानों के प्रति समर्पण का दिया संदेश
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने भाषण के दौरान कहा कि वो स्वयं एक किसान परिवार से आते हैं और ग्रामीण जीवन की कठिनाइयों को भलीभांति समझते हैं। उन्होंने कहा, "किसानों की मेहनत और संघर्ष ही हमारे देश की रीढ़ है। मैं खुद खेती-किसानी के जीवन से निकला हूं, इसलिए किसानों के हर दर्द को अपना दर्द समझता हूं।"
विपक्ष ने उठाए सवाल, सीएम ने दिया जवाब
भजनलाल के इस भावनात्मक बयान के बाद विपक्ष ने सरकार की किसान नीतियों पर सवाल उठाए। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार किसानों के हितों के लिए केवल घोषणाएं करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर राहत नहीं पहुंचाती। विपक्ष के इन आरोपों पर मुख्यमंत्री ने पलटवार करते हुए कहा, "हम सिर्फ बातें नहीं, बल्कि ठोस नीतियां और योजनाएं बना रहे हैं।" उन्होंने आगे कहा कि किसानों के लिए सिंचाई, बिजली और फसलों के उचित मूल्य को लेकर सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
"मैं किसान का बेटा हूं और मेरा पसीना ही मेरा सोपान है।" pic.twitter.com/TNrg1VHFeM
— Bhajanlal Sharma (@BhajanlalBjp) February 7, 2025
राजस्थान के किसानों के लिए क्या हैं सरकार की योजनाएं?
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कई नई योजनाओं का जिक्र किया, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
- राजस्थान कृषि विकास योजना – किसानों को नई तकनीकों से जोड़ने और उत्पादन बढ़ाने पर फोकस।
- बिजली सब्सिडी बढ़ाने का वादा – किसानों को सिंचाई के लिए सस्ती बिजली देने की प्रतिबद्धता।
- फसल बीमा योजना में सुधार – किसानों को समय पर मुआवजा और बीमा दावों की त्वरित स्वीकृति।
- किसान बाजार और भंडारण सुविधाएं – किसानों को फसलों का बेहतर दाम दिलाने के लिए बाजार और वेयरहाउसिंग सुविधाओं का विस्तार।
भावनात्मक अपील या राजनीतिक रणनीति?
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का "मैं किसान का बेटा हूं" वाला बयान न केवल भावनात्मक अपील थी, बल्कि इसे आगामी पंचायत और लोकसभा चुनावों की रणनीति से भी जोड़ा जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा सरकार किसानों के मुद्दों को प्राथमिकता देकर ग्रामीण वोटबैंक को साधने की कोशिश कर रही है।
अंत में क्या बोले मुख्यमंत्री?
अपने भाषण के अंत में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा, "हमारी सरकार किसान, गरीब और आमजन की सरकार है। मैं खुद एक साधारण परिवार से हूं, इसलिए जनता के हर संघर्ष को समझता हूं। हमारी कोशिश है कि कोई भी किसान या मजदूर अपने हक से वंचित न रहे।" मुख्यमंत्री का ये बयान राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। अब देखना ये होगा कि उनकी सरकार किसानों के लिए कितनी ठोस योजनाएं लागू कर पाती है।