"Earth Hour के मौके पर 60 मिनट का सन्नाटा... और धरती ने ली राहत की सांस
Earth Hour 2025: Earth Hour 2025 के तहत आज रात 8.30 से 9.30 तक राजस्थान समेत पूरे भारत में लाइटें बंद रखी जाएंगी। यह पहल WWF द्वारा शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य ऊर्जा संरक्षण और पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने भी आमजन से एक घंटे के लिए गैर-ज़रूरी बिजली उपकरण बंद करने की अपील की है। राजभवन समेत राज्य की प्रमुख इमारतें भी इस अंधेरे में शामिल होंगी। यह एक घंटे का मौन अंधेरा हमें हमारी धरती के प्रति जिम्मेदारी का एहसास कराता है।

आज की रात कुछ खास है। ना कोई त्यौहार, ना कोई उत्सव—फिर भी राजस्थान से लेकर राजधानी दिल्ली तक, और गांव से लेकर ऐतिहासिक इमारतों तक, हर कोना एक घंटे के लिए अंधेरे में डूब जाएगा। यह अंधेरा डर का नहीं, बल्कि उम्मीद का प्रतीक है। "Earth Hour 2025"—एक ऐसी वैश्विक पहल, जो हर साल मार्च के आखिरी शनिवार को हमें हमारी धरती की अहमियत याद दिलाने आती है।
राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने भी इस मुहिम में भागीदारी की अपील की है। उन्होंने कहा, “रात 8.30 बजे से 9.30 बजे तक राजभवन की सभी गैर-ज़रूरी लाइटें बंद रहेंगी।” उन्होंने आम जनता से भी आग्रह किया कि वे इस एक घंटे में अनावश्यक बिजली के उपकरण बंद रखें और पर्यावरण के संरक्षण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।
यह अभियान महज़ बिजली बचाने का एक तरीका नहीं है, बल्कि एक चेतना है—एक ज़िम्मेदारी का एहसास जो बताता है कि हम छोटे-छोटे बदलावों से भी धरती को बचा सकते हैं। वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (WWF) द्वारा शुरू की गई इस पहल ने दुनिया भर में पर्यावरण के प्रति जागरूकता की लौ जलाई है।
राजस्थान की ऐतिहासिक इमारतें जैसे जयपुर का हवा महल, जोधपुर का मेहरानगढ़ किला और उदयपुर का सिटी पैलेस भी इस एक घंटे के अंधेरे का हिस्सा बनेंगे। यह दृश्य न केवल अद्भुत होगा, बल्कि यह संदेश भी देगा कि जब पूरी दुनिया एक साथ खड़ी होती है, तो बदलाव मुमकिन हो जाता है।
इस एक घंटे का अंधेरा सिर्फ बिजली की बचत नहीं, बल्कि आत्मनिरीक्षण का समय है। यह सोचने का पल है कि क्या हम आने वाली पीढ़ियों को भी वही धरती सौंप पाएंगे जिस पर हम आज सांस ले रहे हैं?