Trendingट्रेंडिंग
विज़ुअल स्टोरी

Trending Visual Stories और देखें
विज़ुअल स्टोरी

104% टैरिफ बम: ट्रंप का चीन पर तीखा वार, भारत पर क्यों नहीं बरसी ट्रेड वॉर की गाज?

104 Percent Tariff on Trump: अमेरिका ने चीन पर लगाया 104% टैरिफ, ट्रंप ने क्यों किया सिर्फ बीजिंग को टारगेट, भारत को क्यों छोड़ा? जानिए टैरिफ वॉर की पूरी कहानी।

104% टैरिफ बम: ट्रंप का चीन पर तीखा वार, भारत पर क्यों नहीं बरसी ट्रेड वॉर की गाज?
donald-trump-104-percent-tariff-on-china-reason-vs-india-2025

अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर अपने पुराने अंदाज़ में दुनिया की राजनीति को झकझोरने में लगे हैं। इस बार भी उनका निशाना कोई और नहीं बल्कि चीन है। 9 अप्रैल 2025 से अमेरिका ने चीन पर कुल 104% टैरिफ लागू कर दिया है। सवाल उठता है कि क्या सिर्फ चीन ही ट्रंप के गुस्से का पात्र है? भारत और पाकिस्तान जैसे अन्य देश इस आक्रामक टैरिफ नीति की जद में क्यों नहीं आए?

इसकी शुरुआत हुई थी 20% टैरिफ से, फिर 2 अप्रैल को ट्रंप प्रशासन ने 34% और जोड़ दिया। लेकिन चीन की गलती यह रही कि उसने भी पलटवार कर डाला और अमेरिका पर उतना ही टैरिफ थोप दिया। यही बात ट्रंप को सबसे नागवार गुज़री। उन्होंने 9 अप्रैल की डेडलाइन तक चीन से जवाबी कार्रवाई वापस लेने की मांग की, लेकिन बीजिंग ने झुकने से इनकार कर दिया। नतीजा – अमेरिका ने एक और 50% का झटका दे दिया। इस तरह चीन पर टैरिफ का बोझ 104% तक जा पहुंचा।

चीन से अमेरिकी मार्केट को हुआ घाटा
दरअसल ट्रंप की सोच हमेशा "अमेरिका फर्स्ट" रही है। उनका मानना है कि चीन ने वर्षों से अमेरिकी बाजारों का फायदा उठाया है – सस्ता माल भेजकर अमेरिकी उद्योगों को कमजोर किया और व्यापार घाटा बढ़ाया। ट्रंप का कहना है कि चीन न सिर्फ आर्थिक रूप से बल्कि रणनीतिक तौर पर भी अमेरिका के लिए चुनौती बन चुका है।

भारत कैसे बचा ट्रंप के कहर से?
भारत पर टैरिफ का कहर क्यों नहीं टूटा? तो इसकी वजह है ट्रंप और भारत के बीच रिश्तों की अलग प्रकृति। भारत अमेरिकी टेक, रक्षा और ऊर्जा सेक्टर का अहम पार्टनर रहा है। वहीं पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही लड़खड़ाई हुई है, जो अमेरिका के लिए प्राथमिकता में नहीं आता। लेकिन चीन, अमेरिका के लिए एक सीधा प्रतिस्पर्धी है – आर्थिक, तकनीकी और राजनीतिक मोर्चों पर।

इस टैरिफ वॉर ने वैश्विक व्यापार में नई अनिश्चितता पैदा कर दी है। कंपनियों को झटका लगा है, शेयर बाजार में हलचल है और विशेषज्ञ अंदेशा जता रहे हैं कि यह सिर्फ शुरुआत हो सकती है। ट्रंप की रणनीति साफ है – चीन को झुकाना है, किसी भी कीमत पर।