वर्क कल्चर को लेकर छिड़ गई बहस, जानिए क्या कहते हैं इंडिया के टॉप बिजनेसमैन
इन दिनों वर्क कल्चर को लेकर बहस छिड़ी हुई है. जिसको लेकर L&T के चेयरमैन SN सुब्रह्मण्यन का बयान सामने आया है। बता दें कि इससे पहले भी इंडिया के टॉप बिजनेसमैन ऐसा बयान वर्क कल्चर पर दे चुके हैं।

भारत की अर्थव्यवस्था जैसे- जैसे बदल रही है,वैसे-वैसे अब देश की टॉप कंपनियों में काम करने के तौर तरीके यानि की वर्क कल्चर में भी बदलाव आना शुरू हो गया है। जिसको लेकर L&T के चेयरमैन SN सुब्रह्मण्यन ने अपने कर्मचारियों के साथ एक ऑनलाइन सेशन के दौरान एक बड़ा बयान दिया है।
90 घंटे काम करने की दी सलाह
उन्होंने यह सुझाव दिया कि कर्मचारियों को सप्ताह में 90 घंटे और यहां तक कि रविवार को भी काम करना चाहिए।
बयान के बाद खड़ा हुआ विवाद
सुब्रमण्यन के एक कर्मचारी के साथ बातचीत के दौरान ‘वर्क लाइफ बैलेंस’ पर की गई टिप्पणी ने विवाद खड़ा कर दिया है। बता दें कि सेशन के दौरान उनसे L&T की छह दिन के वर्क वीक पॉलिसी के बारे में पूछा गया था।
क्या थी टिप्पणी ?
सुब्रमण्यन ने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो मुझे खेद है कि मैं रविवार को आपसे काम नहीं करवा पा रहा हूं। अगर मैं रविवार को आपसे काम करवा सका तो मुझे खुशी होगी, क्योंकि मैं भी रविवार को काम करता हूं।" फिर उन्होंने सवाल किया कि घर पर छुट्टी लेने से कर्मचारियों को क्या फायदा होता है। उन्होंने कहा, "घर पर बैठकर आप क्या करते हैं? कोई अपनी पत्नी को कितनी देर तक निहार सकते हैं? या पत्नियां अपने पतियों को कब तक निहार सकती हैं? दफ़्तर जाओ और काम करना शुरू करो।" बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं है जब देश के किसी बिजनेसमैन ने इस तरह का बयान दिया हो। आइए आपको बता दें हैं अबतक किसने क्या कहा ?
अडाणी बोले- बीवी भाग जाएगी
अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी ने भी वर्क लाइफ बैलेंस विषय पर टिप्पणी की थी। इस बात पर जोर देते हुए कि वर्क लाइफ में बैलेंस हासिल करने के लिए अपने काम का आनंद लेना आवश्यक है अदानी ने एक इंटरव्यू में चुटकी लेते हुए कहा कि आठ घंटे परिवार के साथ बिताएंगे तो बीवी भाग जाएगी।
नारायणमूर्ति ने दी थी 70 घंटे काम करने की सलाहइंफोसिस के को फाउंडर एनआर नारायणमूर्ति ने 70 घंटे के कार्य सप्ताह पर अपना रुख जाहिर करते हुए कहा था कि वह ‘वर्क लाइफ बैलेंस’ के कॉन्सेप्ट में विश्वास नहीं करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने साल 1986 में भारत में 6 डे वर्किंग वीक से 5 डे वर्किंग वीक में परिवर्तन पर भी निराशा व्यक्त की। मूर्ति ने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि के लिए कड़ी मेहनत और समर्पण महत्वपूर्ण है और भारतीयों को देश की प्रगति में योगदान देने के लिए सप्ताह में 70 घंटे काम करना चाहिए।
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