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राजस्थान में पेरेंट्स की बढ़ी चिंता, स्कूलों ने बढ़ा दी फीस, अब हो रहा ये एक्शन, एक क्लिक में जानिए पूरी बात..

राजस्थान में नए एकेडमिक सेशन शुरू होते ही प्राइवेट स्कूल में बच्चों की फीस बढ़ा रहे हैं। इससे अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है। वहीं, फीस बढ़ोतरी पर अभिभावकों ने सरकार से बड़ा कदम उठाने की मांग की है। जयपुर में प्राइवेट स्कूलों ने 20 फीसदी तक फीस बढ़ा दी है। अभिभावकों ने स्कूल पर आरोप लगाया है कि फीस बढ़ोतरी से पहले पैरेंट्स टीचर्स एसोसिएशन की मीटिंग भी नहीं की गई।

राजस्थान में पेरेंट्स की बढ़ी चिंता, स्कूलों ने बढ़ा दी फीस, अब हो रहा ये एक्शन, एक क्लिक में जानिए पूरी बात..

राजस्थान में स्कूलों के सेशन शुरू होने पहले ही पेरेंट्स के लिए चिंता की खबर सामने आई है। पेरेंट्स पर फाइनेशियल प्रेशर बढ़ने वाला है, क्योंकि नए सेशन के साथ ही फीस बढ़ोतरी हो गई है। वो भी 20 फीसदी...जिससे स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के पेरेट्स की टेंशन बढ़ने वाली है। क्या है पूरी बात, कैसे सरकार से की स्कूलों ने फीस बढ़ाने की मांग, जानिए इस खबर में..

स्कूलों की फीस में हुआ 20 फीसदी इजाफा

राजस्थान में नए एकेडमिक सेशन शुरू होते ही प्राइवेट स्कूल में बच्चों की फीस बढ़ा रहे हैं। इससे अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है। वहीं, फीस बढ़ोतरी पर अभिभावकों ने सरकार से बड़ा कदम उठाने की मांग की है। जयपुर में प्राइवेट स्कूलों ने 20 फीसदी तक फीस बढ़ा दी है। अभिभावकों ने स्कूल पर आरोप लगाया है कि फीस बढ़ोतरी से पहले पैरेंट्स टीचर्स एसोसिएशन की मीटिंग भी नहीं की गई। ऐसे में स्कूल ने फीस एक्ट का उल्लंघन किया है। नए एकेडमिक सेशन के शुरू होने के साथ अभिभावकों की परेशानी बढ़ गई है। स्कूलों की फीस में हुई बढ़ोतरी से लोगों की जेब पर असर पड़ रहा है। कई स्कूलों ने बीस फीसदी तक बढ़ाई है। 

पेरेंट्स ने लगाए स्कूलों पर ये आरोप

बच्चों की फीस बढने से अभिभावक नाराज हैं। स्कूलों पर आरोप है कि वे मनमाने ढंग से फीस बढ़ाते हैं। स्कूल लेवल फीस कमिटी का सही से गठन नहीं हुआ है। इतना ही नहीं, इस पूरे मामले में फीस एक्ट का भी उल्लंघन हुआ है। संयुक्त अभिभावक संघ ने इस पूरे मामले में सरकार से फीस एक्ट की पालना सुनिश्चित करने की मांग की है। फीस बढ़ोतरी और अभिभावकों के आरोप पर स्कूलों का कहना है कि वर्तमान में बढ़ती महंगाई के कारण स्कूलों की फीस वृद्धि सामान्य है। स्कूलों में फीस कमिटी बनी हुई है और उसकी रिपोर्ट सरकार को भी भेजी हुई है। ऐसे में यह आरोप गलत है कि निजी स्कूल नियमों की अवहेलना कर रहे हैं।

2017 में बनाई गईं थी कमेटियां

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजस्थान में फीस एक्ट लागू है, जिसकी मॉनिटरिंग के लिए 2017 में कमेटियां भी बनाई गई। लेकिन कमेटियों की ओर से समय-समय पर होने वाली फीस बढ़ोतरी पर मॉनिटरिंग नहीं हो रही है। इसके चलते प्राइवेट स्कूलों को मनमाने करने का मौका मिल जाता है। अभिभावकों का आरोप है कि बिना पैरेंट्स टीचर्स एसोसिएशन की मीटिंग के फीस में वृद्धि की गई है। कई स्कूलों ने तो वेबसाइट पर दर्शाई गई फीस से भी ज्यादा वसूल रहे हैं।