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Rajasthan को भूल गया केंद्र सरकार का बजट, गहलोत ने उठाए गंभीर सवाल, महंगाई और बेरोजगारी पर चुप्पी

Ashok Gehlot on Budget : गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार की घोषणाएं दिल्ली और बिहार चुनावों को ध्यान में रखते हुए की गई हैं, और यह देश पर कर्ज का बोझ बढ़ाने वाली साबित होंगी।

Rajasthan को भूल गया केंद्र सरकार का बजट, गहलोत ने उठाए गंभीर सवाल, महंगाई और बेरोजगारी पर चुप्पी

Ashok Gehlot on Budget : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में आम बजट 2025-26 पेश किया, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस बजट पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार की घोषणाएं दिल्ली और बिहार चुनावों को ध्यान में रखते हुए की गई हैं, और यह देश पर कर्ज का बोझ बढ़ाने वाली साबित होंगी। उन्होंने इस बजट को बेरोजगारी, महंगाई, और व्यापार घाटे से राहत न देने वाला बताया।

महंगाई और बेरोजगारी पर चुप्पी

गहलोत ने कहा कि बजट में महंगाई और बेरोजगारी जैसे मौजूदा मुद्दों का कोई जिक्र नहीं किया गया, जबकि ये देश की सबसे बड़ी चुनौतियां बन चुकी हैं। उन्होंने इस पर हैरानी जताई कि विभिन्न एजेंसियों के आंकड़े यह बता रहे हैं कि महंगाई और बेरोजगारी वर्तमान में रिकॉर्ड स्तर पर हैं, लेकिन इन समस्याओं पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि केंद्र सरकार 2022 तक देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के अपने वादे का क्यों नहीं जिक्र करती है, जबकि ये लक्ष्य अब दूर ही नजर आता है।

जल जीवन मिशन पर केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल

गहलोत ने राजस्थान का उदाहरण देते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन की समय सीमा को 2028 तक बढ़ा दिया, जो पहले 2022 और फिर 2024 में निर्धारित की गई थी। उन्होंने इसे केंद्र सरकार की बिना प्लानिंग के शुरू की गई योजनाओं का परिणाम बताया। गहलोत का कहना था कि राजस्थान की भौगोलिक परिस्थितियां चुनौतीपूर्ण हैं, लेकिन राज्य सरकार ने इस मिशन पर लगातार काम किया, और केंद्र की यह आलोचना बिना सही तथ्यों के की गई।

ERCP और यमुना जल समझौते की उपेक्षा

राजस्थान के लिए बजट में कोई विशेष घोषणा न होने पर गहलोत ने निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राजस्थान की जनता को उम्मीद थी कि केंद्र सरकार ERCP (Eastern Rajasthan Canal Project) और यमुना जल समझौते को लेकर कोई बड़ी घोषणा करेगी, और इन दोनों परियोजनाओं को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया जाएगा, लेकिन बजट में इनका कोई उल्लेख नहीं किया गया।

आयकर सीमा की घोषणा पर भी सवाल

गहलोत ने आयकर सीमा 12 लाख रुपये करने की केंद्र सरकार की घोषणा पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि यह राहत केवल नौकरीपेशा वर्ग तक सीमित की गई है, जबकि भारत में करोड़ों छोटे व्यापारी हैं, जो जीएसटी के बोझ से पहले ही परेशान हैं। गहलोत ने कहा कि इन छोटे व्यापारियों को भी इस छूट में शामिल किया जाना चाहिए था, ताकि वे भी आर्थिक राहत का लाभ उठा सकें।