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बीकानेर के सरकारी स्कूल में बड़ा हादसा, वाटर टैंक में गिरने से तीन मासूमों की जान गई

राजस्थान के बीकानेर जिले के नोखा में सरकारी स्कूल में बड़ा हादसा हुआ, जब खेलते-खेलते तीन छात्राएं वाटर टैंक में गिर गईं। स्थानीय लोगों और टीचर्स ने काफी मशक्कत के बाद बच्चियों को बाहर निकाला, लेकिन अस्पताल में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

बीकानेर के सरकारी स्कूल में बड़ा हादसा, वाटर टैंक में गिरने से तीन मासूमों की जान गई

राजस्थान के बीकानेर जिले के नोखा में मंगलवार की सुबह करीब 11 बजे सरकारी स्‍कूल में तीन छात्राओं के वाटर टैंक में गिरने से हड़कंप मच गया। इस घटना की जानकारी आसपास खेल रहे बच्‍चों ने टीचर को दी, जिसके बाद तीनों को कड़ी मशक्‍कत के बाद बाहर न‍िकाला गया। इसके बाद स्कूल के टीचर इन तीनों छात्राओं को अस्‍पताल लेकर गए, जहां पर डॉक्‍टरों ने तीनों बच्चियों को मृत घोष‍ित कर द‍िया। 

इस घटना की सूचना मिलते ही परिजन मगनाराम केड़ली के नेतृत्व में पांच सूत्री मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। इसके बाद जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णी और एसपी कावेन्द्र सिंह तुरंत नोखा पहुंचे, इस मौके पर सीओ हिमांशु शर्मा भी पुलिस अधिकारियों और जवानों के साथ मौजूद हैं।

क्या है पूरा मामला

बता दें कि नोखा क्षेत्र के देवानाड़ में स्‍थ‍ित केडली गांव में राजकीय प्राथम‍िक स्‍कूल में कुछ बच्‍चे खेल रहे थे। इस दौरान तीनों बच्चियां रेखाराम जाट की पुत्री प्रज्ञा, ओमाराम जाट की पुत्री भारती और बागाराम की पुत्री रवीना खेलते हुए स्‍कूल पर‍िसर में बने वाटर टैंक के ऊपर चली गईं। इस दौरान टैंक के ऊपर लगीं पट्टियां टूट गईं, और तीनों छात्राए टैंक में ग‍िर गईं। टैंक मे करीब 15 फीट तक पानी भरा था।

ग्रामीणों ने बच्चियों को निकाला बाहर

इस मामले की सूचना मिलते ही आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। आसपास के लोगों ने ट्रैक्‍टर बुलवाया और मोटर की मदद से टैंक से पानी बाहर न‍िकाल दिया, फिर टैंक के अंदर सीढ़ी लगाकर गांव के चार लोग टैंक में उतर गए और करीब आधे घंटे की कड़ी मशक्‍कत के बाद छात्राओं को बाहर न‍िकाला गया। छात्राओं को बाहर निकालते ही ग्रामीणों ने बच्चियों को अस्‍पताल में पहुंचाया, जहां पर डॉक्‍टरों ने तीनों को मृत घोष‍ित कर द‍िया।

इस मामले पर प्रिंस‍िपल संतोष ने कहा क‍ि 18 द‍िसंबर 2024 को ब्‍लॉक श‍िक्षा अध‍िकारी जर्जर वाटर टैंक के ल‍िए लेटर भी ल‍िखा गया है। उनको कहा था क‍ि स्‍कूल में बना यह टैंक धंस गया था और कभी भी बड़ा हादसा होने की संभावना है। इसके बाद भी टैंक की मरम्‍मत नहीं हुई और बस ऊपर से पट्टी रखकर ढक दिया गया था।