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CM भजनलाल और डिप्टी सीएम को मिली धमकी के बाद बड़ा ऐलान, जेल से पांबदी वाला सामान बरामद करने के बाद मिलेगा ईनाम

राजस्थान सरकार ने जेलों में बढ़ती अवैध गतिविधियों और प्रतिबंधित सामानों की समस्या से निपटने के लिए बड़ा एक्शन प्लान बनाया है। जेल प्रशासन ने फैसला किया है कि गोपनीय रूप से महत्वपूर्ण सूचनाएं देने वाले प्रहरी और मुख्य प्रहरी को विशेष इनाम और प्रमोशन का लाभ दिया जाएगा।

CM भजनलाल और डिप्टी सीएम को मिली धमकी के बाद बड़ा ऐलान, जेल से पांबदी वाला सामान बरामद करने के बाद मिलेगा ईनाम

बीते दिनों राजस्थान के मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री को जान से मारने की धमकी मिली थी। जब पुलिस ने मामले की जांच की थी, तो सामने आया था कि दोनों खास व्यक्तियों को जेल के अंदर से धमकी मिली थी। जिसके बाद जेल के अंदर धमकी देने के लिए मोबाइल कैसे पहुंच रहे हैं, इस पर सवाल उठाया गया था। जिसके बाद अब इसी मसले पर बडी़ खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि सरकार ने इस पर रोक लगाने के लिए ऐलान किया है कि जो भी पुलिसकर्मी इन मोबाइल फोन को पकडवाएगा, इसे ईनाम मिलेगा।

राजस्थान सरकार का बड़ा ऐलान

राजस्थान सरकार ने जेलों में बढ़ती अवैध गतिविधियों और प्रतिबंधित सामानों की समस्या से निपटने के लिए बड़ा एक्शन प्लान बनाया है। जेल प्रशासन ने फैसला किया है कि गोपनीय रूप से महत्वपूर्ण सूचनाएं देने वाले प्रहरी और मुख्य प्रहरी को विशेष इनाम और प्रमोशन का लाभ दिया जाएगा। डीजी जेल गोव‍िंद गुप्‍ता ने आदेश में स्पष्ट किया है कि जेलों में मोबाइल फोन और अन्य प्रतिबंधित सामग्रियों की घुसपैठ रोकने के लिए विशेष निगरानी बढ़ाई जाएगी। प्रहरी और अन्य जेल कर्मचारी अगर अवैध गतिविधियों की सही सूचना देते हैं और उससे प्रभावी कार्रवाई होती है, तो उन्हें प्रमोशन और अन्य विशेष लाभ दिए जाएंगे। 

जेल में पांबदी के बाद भी पहुंच रहे फोन

जैसा कि मुख्यमंत्री को मिली धमकी केस से साबित होता है कि तमाम पांबदी के बाद भी जेल के अंदर फोन पहुंच रहे हैं। जिसके चलते सरकार अब जेल कर्मचारियों को ही निगरानी तंत्र का हिस्सा बनाकर इस समस्या से निपटने की रणनीति पर काम कर रही है। राजस्थान के जेल प्रशासन का ये फैसला जेलों में अनुशासन बनाए रखने और अपराधियों की अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। 

सीएम और ड‍िप्‍टी सीएम को मिली धमकी के बाद शुरू हुआ एक्शन

जैसा कि हमने आपको बताया था कि 26 मार्च को उप-मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा को जान से मारने की धमकी म‍िली थी। जिसकी जांच के बाद पता चला था कि कॉल जयपुर पुलिस कंट्रोल रूम को किया गया था। फिर 28 मार्च की सुबह बीकानेर सेंट्रल जेल से पुलिस कंट्रोल रूम में फोन कर मुख्यमंत्री को जान से मारने की धमकी दी गई थी। जेल में कैसे मोबाइल फोन पहुंच रहे हैं, इसकी जांच इन दोनों हाई-प्रोफाइल मामलों के बाद से शुरु हुई है।