भजनलाल सरकार ने पूर्व सरकार की दो योजनाओं का नाम बदला, जानें कौन सी है ये योजनाएं
राजस्थान में भजनलाल सरकार ने फिर से गहलोत सरकार की योजनाओं के नाम बदल दिए हैं। इंदिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना को ‘मुख्यमंत्री नारी शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना’ और इंदिरा महिला शक्ति प्रशिक्षण एवं कौशल संवर्धन योजना को ‘कालीबाई भील महिला संबल शिक्षा सेतु योजना’ नाम कर दिया गया है।

राजस्थान में भजनलाल सरकार आने के बाद से ही पिछली गहलोत सरकार की योजनाओं के नाम बदलने का सिलसिला जारी है। एक बार फिर से भजनलाल सरकार ने पूर्व सीएम अशोक गहलोत के राज में बनी महिला अधिकारिता विभाग की दो योजनाओं के नाम बदल दिए हैं, जिसके बाद से ही विपक्ष काफी भड़का हुआ है।
पूर्वी सरकार की योजनाओं का नाम बदला
बता दें कि इससे पहले भजनलाल सरकार ने स्कूली छात्राओं को दी जाने वाली साइकिलों के काले रंग को बदल कर भगवा कर दिया था। इस बार भजनलाल सरकार द्वारा बदली गई दो योजनाओं के नामों में से एक इंदिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना है, जिसका नाम बदल कर ‘मुख्यमंत्री नारी शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना’ कर दिया गया है।
इसके अलावा दूसरी योजना इंदिरा महिला शक्ति प्रशिक्षण एवं कौशल संवर्धन योजना शिक्षा सेतु है, जिसका नाम बदला गया है। अब इसका नया नाम ‘कालीबाई भील महिला संबल शिक्षा सेतु योजना’ का नाम रखा गया है। भजनलाल सरकार के इस फैसले से कांग्रेस नेताओं में काफी आक्रोश है।
बता दें कि इन दोनों योजनाओं के समय-समय पर पूर्व में जारी परिपत्र, दिशा निर्देश और मार्गदर्शिका में योजना के नाम के अतिरिक्त सभी प्रावधान पहले की ही तरह लागू रहेंगे, इसमें किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है।
भजनलाल शर्मा ने 9 जिलों को किया था रद्द
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में प्रदेश में बने 50 जिलों में से 9 जिलों को रद्द कर दिया था, जिस पर काफी राजनीति हुई और विपक्ष ने काफी हंगामा किया था। तो वहीं इन रद्द जिलों में रहने वाले लोग भी सरकार के इस फैसले से नाराज थे। कांग्रेस सरकार के राज में बनी इन जिलों की समीक्षा कर ही 9 जिलों को खारिज किया गया था, इसके बाद से नए बने जिलों की संख्या 41 ही रह गई है।
भजनलाल सरकार के योजनाओं के नाम बदलने पर विपक्ष ने सवाल किया है कि क्या ये सरकार सिर्फ योजनाओं का नाम ही बदलती रहेगी, इसके अलावा कोई ठोस काम नहीं हुआ है। पेपर लीक जैसी गंभीर समस्याएं अभी भी बनी हुई है, इस सरकार के राज में छोटी परीक्षाएं नहीं हो सकी हैं।