Trendingट्रेंडिंग
विज़ुअल स्टोरी

Trending Visual Stories और देखें
विज़ुअल स्टोरी

राजस्थान में सट्टेबाजी का हुआ भंडाफोड़, एक नहीं दो जगह हुआ एक्शन, मामला जानकर हो जाएंगे हैरान

सट्टेबाजी के इन दोनों ही मामलों में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर आईटी एक्ट, साइबर अपराध और जुआ अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले की आगे जांच जारी है। पुलिस अब यह पता लगाने में जुट गयी है कि इस रैकेट के तार कहां-कहां है और इस गौरखधंधे में और किन किन लोगों के हाथ है।

राजस्थान में सट्टेबाजी का हुआ भंडाफोड़, एक नहीं दो जगह हुआ एक्शन, मामला जानकर हो जाएंगे हैरान

राजस्थान से सट्टा रैकेट का बड़ा खुलासा हुआ है। उदयपुर में एक नहीं, बल्कि दो जगहों पर पुलिस ने एक्शन लिया है। जहां से काफी सामान बरामद हुआ और पुलिस ने सट्टेबाजों के काम करने के तरीकों का भी खुलासा हुआ है।

"क्रिकेट लाइन गुरु" के जरिए होता था काम

उदयपुर की गोवर्धन विलास थाना पुलिस और जिला स्पेशल टीम DST ने शनिवार को ऑनलाइन सट्टेबाजी के खिलाफ दो बड़ी एक्शन को अंजाम देकर एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने अमरकुंज कॉम्पलेक्स स्थित फ्लैट नंबर 501 और जीवनतारा अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 505 पर दबिश देकर कुल 10 सटोरियों को गिरफ्तार किया है। जिसने कई मोबाईल और लेपटॉप और पीसी भी बरामद किय है। 

उदयपुर एसपी योगेश गोयल ने बताया कि एक कार्रवाई जीवनतारा अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 505 में हुई, जहां पुलिस टीम को लखनऊ और गुजरात के बीच चल रहे आईपीएल मैच के दौरान सट्टेबाजी की सूचना मिली थी। इस पर गोवर्धन विलास थाना पुलिस की टीम ने मौके पर दबिश दी और चार वहां मौजूद चार आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने इस मामले में अरविंद सिंह राव, हितेश गनवानी, पंकज चंदेल और आशुतोष अहीरको रंगे हाथों पकड़ा। आरोपियों के पास से कई मोबाइल फोन, डेल कंपनी का लैपटॉप, पेन ड्राइव और जीओ फाइबर राउटर बरामद हुआ। आरोपी "क्रिकेट लाइन गुरु" ऐप के जरिए मैच के ओवर और रन पर सट्टा लगवाते थे। इस रैकेट का फाइनेंसर मोनू सैनी बताया गया है, जिसने फ्लैट भी किराए पर दिलवाया था। 

दूसरी जगह पर बरामद हुआ ये सामान

वहीं, दूसरा एक्शन गोवर्धन विलास थाना क्षेत्र में की गयी। ये कार्रवाही इस दूसरी बड़ी कार्रवाई अमरकुंज कॉम्पलेक्स के फ्लैट नंबर 501 में की गई, जहां छह युवक "REDDY ANNA" वेबसाइट के जरिए ऑनलाइन सट्टा चला रहे थे। DST और गोवर्धन विलास थाना पुलिस की संयुक्त टीम ने फ्लैट से सात लैपटॉप, पांच पीसी सेटअप, 30 मोबाइल फोन, 12 एटीएम कार्ड, आठ बैंक पासबुक और 10 सिम कार्ड जब्त किए। 

आरोपियों में उदयपुर, नागौर, सतना और डीडवाना के युवक शामिल हैं। जांच में सामने आया कि इस नेटवर्क का संचालन मोहित पाहुजा कर रहा था, जो व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए ग्राहकों को जोड़कर फर्जी खातों और क्यूआर कोड से लेनदेन करवाता था। पुलिस ने इस मामले में संजय सालवी, कैशव लखारा, सिद्धार्थ विश्वकर्मा, रामचंद्र, तरूण वागडा और विकास प्रजापत को गिरफ्तार किया है। 

दोनों मामले में हुआ ये एक्शन

सट्टेबाजी के इन दोनों ही मामलों में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर आईटी एक्ट, साइबर अपराध और जुआ अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले की आगे जांच जारी है। पुलिस अब यह पता लगाने में जुट गयी है कि इस रैकेट के तार कहां-कहां है और इस गौरखधंधे में और किन किन लोगों के हाथ है।