बचपन में बनी दुल्हन, जवानी में बनाया नया हमसफर, चूरू की कविता की अनोखी प्रेम कहानी
Unique Love Story: चूरू जिले के धीरवास बड़ा की रहने वाली कविता खीचड़ की शादी महज 13 साल की उम्र में मलखेड़ा गांव के एक युवक से कर दी गई थी। लेकिन उसका कहना है कि उसने कभी भी अपने ससुराल की चौखट नहीं लांघी।

प्यार उम्र या समाज के बंधनों को नहीं मानता। कभी-कभी ये तब दस्तक देता है जब लोग सोच भी नहीं सकते। चूरू जिले की एक महिला की कहानी इसी कहावत पर खरी उतरती है। 13 साल की मासूम उम्र में शादी के बंधन में बांध दी गई ये लड़की जब जवान हुई, तो उसे किसी और से प्यार हो गया।
बचपन में हुई शादी
चूरू जिले के धीरवास बड़ा की रहने वाली कविता खीचड़ की शादी महज 13 साल की उम्र में मलखेड़ा गांव के एक युवक से कर दी गई थी। लेकिन उसका कहना है कि उसने कभी भी अपने ससुराल की चौखट नहीं लांघी। वजह थी—पति की शराब की लत। कविता को बचपन में ही पता चल गया था कि उसका पति शराबी है, इसलिए उसने अपने ससुराल जाने से इनकार कर दिया।
जवानी में हुआ प्यार
अब 23 साल की हो चुकी कविता का दिल 39 साल के सुरेंद्र पूनिया पर आ गया, जो अब तक अविवाहित हैं। दोनों अब लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे हैं। कविता का दावा है कि उसका अपने पहले पति से तलाक हो चुका है और अब वो सुरेंद्र के साथ अपनी जिंदगी बिताना चाहती है। लेकिन उसका परिवार इस रिश्ते को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है।
समाज की बंदिशें और दिल की सुनने की जिद
इस प्रेम कहानी में समाज की रूढ़ियां और परिवार की आपत्तियां सामने खड़ी हैं, लेकिन कविता अपने फैसले पर अडिग है। उसकी कहानी ये सवाल उठाती है कि क्या बचपन में बंधे गए रिश्ते दिल की सच्ची चाहत के आगे टिक सकते हैं?