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इलाज कम, लापरवाही ज्यादा... डॉक्टर ने बच्चे के हाथ पर चढ़ा दिया गलत प्लास्टर, अब देना होगा लाखों का हर्जाना

Private Hospital Fraud: बाड़मेर के निजी अस्पताल में बच्चे के इलाज में बड़ी लापरवाही देखने को मिली है. डॉक्टर ने गलत प्लास्टर चढ़ाया, फिर 5 लाख की मांग कर दी. तो वहीं उपभोक्ता आयोग ने अस्पताल पर लाखों का हर्जाना ठोका, जानिए पूरा मामला.

इलाज कम, लापरवाही ज्यादा... डॉक्टर ने बच्चे के हाथ पर चढ़ा दिया गलत प्लास्टर, अब देना होगा लाखों का हर्जाना

बाड़मेर के एक निजी अस्पताल में डॉक्टर की ऐसी लापरवाही सामने आई, जिसे सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे. मासूम बच्चे का हाथ टूटा, पिता इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे, लेकिन डॉक्टर साहब ने इलाज के नाम पर ऐसा कारनामा कर दिया कि मामला सीधा उपभोक्ता आयोग तक पहुंच गया.

इलाज या खिलवाड़? 
साल 2021, बाड़मेर के रहने वाले सवाईलाल सोनी अपने बच्चे को हाथ में फ्रैक्चर होने पर बाड़मेर ज्वाइंट ट्रॉमा एंड डेंटल केयर हॉस्पिटल लेकर पहुंचे. डॉक्टर सुरेंद्र चौधरी ने बिना किसी जांच के बच्चे के हाथ पर ऐसा प्लास्टर चढ़ा दिया कि हड्डी गलत तरीके से जुड़ गई.

अब हालत बिगड़ी तो पिता ने डॉक्टर से बात करनी चाही, लेकिन डॉक्टर साहब ने इलाज के बदले सीधा 5 लाख की डिमांड रख दी. यानी 'अगर जेब ढीली नहीं करोगे, तो इलाज भी नहीं मिलेगा.'

परिवादी ने पैसा देने से इनकार किया, तो डॉक्टर ने साफ हाथ खड़े कर दिए और बच्चे का इलाज करने से मना कर दिया. अब बताइए, ये अस्पताल है या फिरौती मांगने का अड्डा?

उपभोक्ता आयोग ने लगाया अस्पताल पर लाखों का हर्जाना
मामला बढ़ा तो पीड़ित परिवार ने उपभोक्ता आयोग में शिकायत कर दी। सुनवाई के दौरान सभी सबूत पेश किए गए और अस्पताल की लापरवाही साबित हो गई.

आयोग के अध्यक्ष शंकरलाल पुरोहित, सदस्य स्वरूप सिंह राठौड़ और सरिता पारीक की बेंच ने कड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि अस्पताल को इलाज में खर्च किए गए ₹1,56,350 लौटाने होंगे. वहीं, 10,000 रुपये परिवाद खर्च के तौर पर देने होंगे. 2 लाख रुपये हर्जाने के रूप में चुकाने होंगे. इतना ही नहीं, अगर तय समय में पैसे नहीं दिए, तो 8% वार्षिक ब्याज के साथ वसूली होगी.