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Rajkumar Roat का भजनलाल सरकार पर हमला, कैबिनेट मंत्री से कहा 'होश में आओ'

सांसद राजकुमार रोत ने मां बाड़ी केंद्रों पर बच्चों के नामांकन में भारी कमी को उजागर करते हुए सवाल उठाया है। उन्होंने क्षेत्रीय जनजाति विकास विभाग पर आरोप लगाए हैं। 

Rajkumar Roat का भजनलाल सरकार पर हमला, कैबिनेट मंत्री से कहा 'होश में आओ'

राजस्थान बांसवाड़ा के सांसद राजकुमार रोत ने एक वीडियो अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट करके भजनलाल सरकार को घेरे में लिया है। 2 मिनट 42 सेकेंड के वीडियो में सांसद राजकुमार रोत ने गंभीर मुद्दा उठाया है। उन्होंने आरोप में कहा कि मां बाड़ी केंद्रों पर बच्चों को अल्पाहार और दोपहर का भोजन दिया जाता था। पाठ्य सामग्री, स्वेटर, जूते जैसी आवश्यक चीजें एडमिशन के समय ही प्रदान की जानी चाहिए थी, लेकिन ये सब पिछले तीन महीनों से बंद पड़ा है।

वीडियो पोस्ट पर राजकुमार रोत ने सामने रखी सच्चाई

बांसवाड़ा के सांसद राजकुमार ने एक्स पर वीडियो पोस्ट कर लिखा कि 'TAD विभाग द्वारा संचालित मां बाड़ी केंद्रों पर पिछले 3-4 माह से खाद्य सामग्री, स्टेशनरी एवं विभागीय नियमानुसार अन्य सुविधा बच्चों को नहीं मिलने से हजारों आदिवासी बच्चों का केंद्रों से पलायन और शिक्षाकर्मियों को भी समय पर भुगतान नहीं। TAD मंत्री महोदय होश में आओ। आपकी गलत नीतियों की वजह से हजारों आदिवासी बच्चों का भविष्य अंधकार में डूब रहा है'।

सांसद रोत ने मां बाड़ी केंद्रों पर बच्चों के नामांकन में भारी कमी को उजागर करते हुए सवाल उठाया है। उन्होंने क्षेत्रीय जनजाति विकास विभाग पर आरोप लगाए हैं। वीडियो में उन्होंने कहा कि मां बाड़ी केंद्रों पर बच्चों को अल्पाहार और दोपहर का भोजन दिया जाता था। पाठ्य सामग्री, स्वेटर, जूते जैसी आवश्यक चीजें एडमिशन के समय ही प्रदान की जानी चाहिए थी, लेकिन यह सब पिछले तीन महीनों से बंद पड़ा है।

'भ्रष्टाचार के चलते अंधकार में आदिवासी बच्चों का भविष्य'

राजकुमार रोत ने वीडियो में आगे कहा कि बच्चों के अभिभावकों का कहना है कि बच्चों को पहले जो सुविधाएं और भोजन मिल रहा था, वो अब बंद हो गया है। शिक्षाकर्मी बच्चों को बुलाने की कोशिश करते हैं, लेकिन सामग्री और सुविधाओं के अभाव में बच्चे केंद्रों में टिक नहीं पा रहे हैं। आगे उन्होंने कहा कि अधिकारियों के भ्रष्टाचार और निजी स्वार्थ के कारण प्रक्रियाओं में देरी हो रही है, जिससे आदिवासी बच्चों का भविष्य अंधकार में डाला जा रहा है। विभाग, मां बाड़ी केंद्रों पर पिछले 3-4 माह से खाद्य सामग्री, स्टेशनरी एवं विभागीय नियमानुसार अन्य सुविधा बच्चों को नहीं मिलने से हजारों आदिवासी बच्चों का केंद्रों से पलायन कर रहे हैं।

सरकार से की कदम उठाने की मांग, वर्ना हो सकता है आंदोलन!

राजकुमार रोत ने साफ शब्दों में कहा है कि ये मामला केवल आरोप-प्रत्यारोप का नहीं है। बल्कि सच्चाई ये है कि टीडी विभाग में भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा पर पहुंच चुका है। उन्होंने सरकार से कदम उठाने की मांग करते हुए कहा कि आदिवासी बच्चों के साथ हो रहे अन्याय को समाप्त करने के लिए तुरंत कदम उठाए जाने चाहिए, अगर जल्द ही मां-बाड़ी केंद्रों पर सुविधाओं का वितरण शुरू नहीं हुआ, तो हमारी पार्टी बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होगी।