राजस्थान की सड़कें या जलती चिताएं?, आग के दरिया में फंसे लोग, चीख-पुकार से दहला हाईवे, दिल दहलाने वाली तस्वीरें
Ajmer Road Accident : हाईवे पर जलते हुए ट्रेलरों की भयावो तस्वीरें इस कदर खौफनाक थीं कि जिसने भी देखा, उसकी रूह कांप गई। लेकिन ये कोई पहला हादसा नहीं है—राजस्थान की सड़कों पर ऐसे दर्दनाक मंजर पहले भी कई बार सामने आ चुके हैं.

Ajmer Road Accident : राजस्थान में एक और भीषण सड़क हादसे ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। अजमेर जिले के किशनगढ़ में दो ट्रेलरों की आमने-सामने टक्कर के बाद लगी भीषण आग में एक ड्राइवर जिंदा जल गया, जबकि अन्य लोग गंभीर रूप से झुलस गए। हाईवे पर जलते हुए ट्रेलरों की भयावो तस्वीरें इस कदर खौफनाक थीं कि जिसने भी देखा, उसकी रूह कांप गई। लेकिन ये कोई पहला हादसा नहीं है—राजस्थान की सड़कों पर ऐसे दर्दनाक मंजर पहले भी कई बार सामने आ चुके हैं, जहां तेज रफ्तार, लापरवाही और सुरक्षा की अनदेखी ने न जाने कितनी जिंदगियों को लील लिया है।
जब जयपुर में जिंदा जल गए लोग…
कुछ ही समय पहले जयपुर में एक ऐसा ही हादसा हुआ था, जिसने पूरे देश को हिला दिया था। विद्या नगर अंडरपास के पास एक भीषण सड़क दुर्घटना में कई वाहन टकरा गए थे, जिसके बाद आग लग गई और लोग अपनी जान बचाने के लिए बेतहाशा भागते नजर आए। लेकिन कुछ बदकिस्मत लोग उस आग में फंस गए और जिंदा जल गए। राहत और बचाव दल जब पहुंचा, तब तक लपटें सबकुछ तबाह कर चुकी थीं।
2018 का कोटा बस हादसा – जब बस बनी जलती चिता
2018 में राजस्थान के कोटा जिले में हुआ बस हादसा भी ऐसा ही था, जिसने लोगों की आंखें नम कर दी थीं। कोटा से जयपुर जा रही बस मेघा हाईवे पर पुलिया से टकराने के बाद पलट गई और उसमें आग लग गई। देखते ही देखते पूरी बस जलकर राख हो गई और अंदर बैठे यात्री चीखते-चिल्लाते रह गए। जब तक बचाव दल मौके पर पहुंचा, तब तक कई लोगों की जिंदगियां उस जलती चिता में समा चुकी थीं।
हाइवे पर जलती लाशें और मूकदर्शक बने लोग
अक्सर ऐसे हादसों में सबसे दिल दहला देने वाला पहलू ये होता है कि लोग अपनी जान बचाने के लिए छटपटाते रह जाते हैं, लेकिन कोई उन्हें बचाने की हिम्मत नहीं कर पाता। 2023 में भीलवाड़ा में हुए एक सड़क हादसे में एक कार और ट्रक की टक्कर के बाद कार में भीषण आग लग गई। लोग बाहर से देखते रहे, वीडियो बनाते रहे, लेकिन अंदर फंसे लोग मदद की गुहार लगाते हुए वहीं जल गए। ये सिलसिला यहीं नहीं रुका—पाली, चित्तौड़गढ़, नागौर और जोधपुर में भी ऐसे कई दर्दनाक सड़क हादसे हुए, जिनमें लोग जिंदा जलते रहे और हमारा सिस्टम सिर्फ मूकदर्शक बना रहा।
अजमेर ट्रेलर अग्निकांड
राजस्थान के अजमेर जिले में बुधवार की शाम एक ऐसा मंजर दिखा, जिसने राहगीरों की रूह कंपा दी। किशनगढ़-नसीराबाद पुलिया पर दो ट्रेलरों की भयानक टक्कर के बाद लगी आग ने देखते ही देखते सब कुछ भस्म कर दिया। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि लोहे से बने ट्रेलर तक पिघलने लगे। सड़क पर हर तरफ चीख-पुकार मची थी, लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे, लेकिन जलते ट्रेलरों तक किसी का पहुंच पाना नामुमकिन था।
आग के आगोश में समाया ट्रेलर, ड्राइवर ने मौके पर तोड़ा दम
हादसा इतना भीषण था कि एक ट्रेलर का ड्राइवर आग की लपटों में फंस गया और मदद के लिए गुहार लगाता रहा, लेकिन कुछ ही पलों में वो आग के बीच समा गया। कुछ राहगीर उसे बचाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन आग का विकराल रूप किसी को पास तक नहीं आने दे रहा था। जब तक दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं, तब तक एक जिंदगी धू-धू कर जल चुकी थी।
जलते ट्रेलरों के बीच से भागने की जद्दोजहद
इस खौफनाक हादसे में दूसरे ट्रेलर का ड्राइवर और खलासी बुरी तरह झुलस गए। दर्द से कराहते हुए उन्होंने खुद को बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन आग के बीच से निकलने में उनकी सांसें अटक गईं। मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने हिम्मत जुटाकर उन्हें बाहर निकाला और तुरंत अस्पताल भेजा।
सड़क पर जलते लोहे और धुएं की गहरी परत
हादसे के बाद सड़क पर जलते लोहे की महक और काले धुएं की घनी परत छा गई थी। ट्रकों में लदे सामान के साथ-साथ सड़क भी इतनी ज्यादा तप चुकी थी कि कई मिनटों तक कोई वहां कदम तक नहीं रख पाया। हाईवे पर कुछ देर के लिए ऐसा लगा जैसे सब कुछ ठहर गया हो—बस चारों तरफ जलते ट्रकों की लपटें और दिल दहला देने वाली चीखें गूंज रही थीं।
बेकाबू हादसा: बचाने पहुंचे तो और वाहन फंसे
ट्रेलरों की टक्कर के बाद बेकाबू हालात के चलते एक ट्रैक्टर और एक कंटेनर भी इस दुर्घटना की चपेट में आ गए। गनीमत रही कि इन वाहनों में आग नहीं लगी, वरना इस सड़क पर शायद और भी लाशें बिछ जातीं। दमकल विभाग की टीमों ने जैसे-तैसे आग पर काबू पाने की कोशिश की, लेकिन तब तक सड़क पर मौत का तांडव अपने निशान छोड़ चुका था।
मौत से जूझते घायलों की हालत गंभीर
घायलों को आनन-फानन में जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया गया। 40 वर्षीय हनीफ और ट्रैक्टर सवार देवाराम गुर्जर की हालत गंभीर बनी हुई है, जबकि रामचंद्र किशनगढ़ अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहा है।
कई किलोमीटर तक पसरा सन्नाटा, जाम में फंसे लोग
इस भयावो हादसे के बाद हाईवे पर लंबा जाम लग गया। कई किलोमीटर तक वाहनों की कतारें खड़ी रहीं, लोग इस मंजर को देखते ही सुन्न हो गए। पुलिस और दमकल विभाग की टीमें राहत कार्य में जुटीं, लेकिन जो जिंदगियां इस हादसे की आग में झुलस गईं, उन्हें कोई वापस नहीं ला सकता।
कब रुकेगा ये मौत का सिलसिला?
इस हादसे ने हाईवे की सुरक्षा व्यवस्था पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर कब तक ऐसे हादसों में लोग यूं ही जलते रहेंगे? कब तक हमारी सड़कों पर मौत का तांडव यूं ही जारी रहेगा? इस जलते ट्रेलर की राख के साथ कुछ सवाल भी हवा में तैर रहे हैं, जिनका जवाब मिलना अभी बाकी है…