इंस्टाग्राम पर दोस्ती... फिर अपहरण कर किया गंदा काम, आरोपी गिरफ्तार
यह मामला कुछ समय पहले ब्यावर के विजयनगर थाना क्षेत्र में दर्ज मामले से मेल खाता है, जिसमें इंस्टाग्राम के जरिए दोस्ती कर लड़कियों को फंसाने, ब्लैकमेल करने और शोषण करने का मामला सामने आया था. इस केस की जांच के लिए 5 मार्च को विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया था. अब तक 11 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं.

राजस्थान के अजमेर जिले में नाबालिग लड़कियों के अपहरण और यौन शोषण का एक नया मामला सामने आया है. पीड़िता के परिजनों ने अजमेर गंज थाना और पुष्कर थाना में एफआईआर दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि इंस्टाग्राम पर दोस्ती के बहाने युवकों ने उनकी बेटियों को प्रेमजाल में फंसाया, फिर अपहरण कर कई जगहों पर उनका शोषण किया.
मामले की गंभीरता को देखते हुए अजमेर जिला पुलिस अधीक्षक (SP) वंदिता राणा ने दो अलग-अलग जांच टीमें गठित कीं. पुलिस की त्वरित कार्रवाई में अजमेर निवासी दोनों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं.
कैसे हुआ खुलासा?
सीओ ग्रामीण रामचंद्र चौधरी ने बताया कि पुष्कर से 14 वर्षीय एक नाबालिग लड़की अचानक घर से लापता हो गई थी. गंज थाना क्षेत्र से भी एक और लड़की बिना बताए घर से चली गई थी.
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर दोनों लड़कियों को बरामद कर लिया और उनकी शिकायत के आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया.
ब्यावर केस से जुड़ता नाता
यह मामला कुछ समय पहले ब्यावर के विजयनगर थाना क्षेत्र में दर्ज मामले से मेल खाता है, जिसमें इंस्टाग्राम के जरिए दोस्ती कर लड़कियों को फंसाने, ब्लैकमेल करने और शोषण करने का मामला सामने आया था. इस केस की जांच के लिए 5 मार्च को विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया था. अब तक 11 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. तीन नाबालिगों को हिरासत में लिया गया है. पुलिस ने पीड़ित परिवारों की शिकायत पर 16 फरवरी को तीन एफआईआर दर्ज की थीं.
सोशल मीडिया के बढ़ते खतरों से सतर्क रहने की जरूरत
यह घटना सोशल मीडिया के बढ़ते अपराधों की ओर इशारा करती है. इंस्टाग्राम, फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म्स पर अजनबियों से बातचीत करने में सावधानी बरतें. माता-पिता को चाहिए कि बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखें और उन्हें सुरक्षित इंटरनेट उपयोग के बारे में जागरूक करें. पुलिस और साइबर सेल लगातार ऑनलाइन सुरक्षा जागरूकता अभियान चला रहे हैं, ताकि ऐसे मामलों को रोका जा सके.
आगे क्या?
पुलिस इस केस की गहन जांच कर रही है और यह पता लगाया जा रहा है कि क्या इसमें कोई बड़ा गिरोह शामिल है. साइबर क्राइम यूनिट भी जांच में शामिल हो सकती है ताकि यह पता लगाया जा सके कि आरोपी सोशल मीडिया के जरिए और किन लड़कियों से संपर्क में थे. राजस्थान पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर सतर्क रहें और किसी भी संदेहास्पद गतिविधि की तुरंत सूचना पुलिस को दें.