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Rajasthan: अजमेर विवाद से BJP का किनारा ! क्या है इसके राजनीतिक मायने? जानें यहां

अजमेर दरगाह विवाद पर अब शांत होता दिखाई दे रहा है। पहले पीएम मोदी और अब भजनलाल शर्मा द्वारा चादर भेजे जाने के बाद तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। आखिर क्या है पूरी खबर जानें यहां। 

Rajasthan:  अजमेर विवाद से BJP का किनारा ! क्या है इसके राजनीतिक मायने? जानें यहां

विश्व प्रसिद्ध अजमेर दारगाह को लेकर लंबे वक्त से विवाद छिड़ा हुआ है। हिंदू सेना लगातार यहां शिव मंदिर होने का दावा कर रही है जबकि इससे इतर मुस्लिम समुदाय इस विरोध। मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है। हालांकि इस मसले पर सियासी पारा हाई है। बीते दिनों पीएम मोदी के दारगाह पर चादर भेजने पर कई लोगों ने आपत्ति जताई थी यहां तक कोर्ट भी गए लेकिन बीते दिन केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू पीएम मोदी की ओर से मजार शरीफ में चढ़ाई जाने वाली चादर लेकर अजमेर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था, मैं प्रधानमंत्री की ओर से चादर लेकर आया हूं। इस बात पर राजनीति करने वालों को अपना जवाब मिल गया है। अब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी अजमेर ख्वाजा साहब को चादर भेजी है। जिसके बाद ऐसा प्रतीत होता है ये विवाद जल्द ही थम सकता है। 

खूब चर्चा में रहा अजमेर दरगाह

गौरतलब है, बीते कई महीनों से अजमेर दारगाह की चर्चा जोरों-शोरों से हो रही है। हिंदू सेना समेत तमाम संगठन दारगाह के नीचे शिव मंदिर होने का दावा कर रहे हैं लेकिन राजनीतिक दृष्टि से मामला शांत होता दिख रहा है। बीते दिनों पीएम मोदी, वुसंधरा राजे ने दारगाह के लिए चादर भेजी थी, तो अब खुद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने चादर भेजी साथ ही पत्र भी लिखा है।  वहीं, किरेन रिजिजू ने अजमेर पहुंचकर पीएम मोदी द्वारा भेजी गई चादर दारगाह प भेंट की थी। साथ ही उन्होंने कहा था, अजमेर दरगाह को लेकर कोई भी विवाद की गुंजाइश नहीं है। दरगाह पर अंदरूनी इंतजाम करने वाली कमेटी सरकार के आधीन है। इसलिए हमारा प्रयास है जितना ज्यादा सुविधा लोगों को मिल सके। 

मोहन भागवत ने दिया था बड़ा बयान

इस वक्त देश में मंदिर-मस्जिद विवाद गरमाया हुआ है। वाराणसी, मथुरा जैसे कई ऐतिहासिक और धर्मिक जगहों पर मंदिर-मस्जिद विवाद कोर्ट में है। ऐसे में मोहन भागवत ने एक बयान में कहा था कि राजनीतिक लाभ के लिए इन तरह के मुद्दों का इस्तेमाल करना बिल्कुल गलत है। मंदिर हिंदुओं की आस्था का विषय है। आज के समय में मंदिर-मस्जिद पर बहस करना और भ्रामक बातें फैलना एक ट्रेंड बढ़ गया है और सोशल मीडिया से इसे बढ़ावा दिया जा रहा है। पहले राष्ट्रीय स्वयं सेवक प्रमुख फिर पीएम मोदी और अब भजनलाल शर्मा द्वारा चादर भेजने के बाद एक बात साफ हो गई है, इस मुद्दे को राजनीतिक हवा देने के मूड में बीजेपी बिल्कुल भी नहीं है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा आखिर ये विवाद अब क्या मोड़ लेता है।