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AI ने खोला घोटालों का पिटारा: राजस्थान में डॉक्टरों ने दवा और जांच के नाम पर लूटा सरकारी खजाना

Rajasthan Healthcare Scam: राजस्थान की सरकारी स्वास्थ्य योजना में करोड़ों का फर्जीवाड़ा, AI ने किया खुलासा। डॉक्टरों ने बिना मरीज देखे दवाएं लिखीं। पढ़ें पूरा घोटाले का सच।

AI ने खोला घोटालों का पिटारा: राजस्थान में डॉक्टरों ने दवा और जांच के नाम पर लूटा सरकारी खजाना
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राजस्थान में जनता की सेहत का ध्यान रखने की जिम्मेदारी जिनके कंधों पर थी, वही जब लूट में शामिल पाए गए तो भरोसे की नींव हिल गई। लेकिन इस बार इंसाफ की गवाही किसी इंसान ने नहीं, बल्कि मशीन ने दी – और वो भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने।

राजस्थान सरकार की स्वास्थ्य योजना में करोड़ों रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ है। AI की निगरानी में यह सामने आया कि कई डॉक्टर, सरकारी इलाज योजनाओं का बेजा फायदा उठाकर फर्जी दवा और जांच लिख रहे थे। जयपुर के गुर्जर की थड़ी में स्थित एक प्राथमिक उपचार केंद्र के डॉक्टर राकेश गुप्ता ने तो हद ही कर दी। खांसी-बुखार जैसे सामान्य इलाज के लिए नियुक्त इस डॉक्टर ने 300 किलोमीटर दूर पाली, भीलवाड़ा और मंडावर तक के मरीजों के नाम पर कैंसर और किडनी जैसी गंभीर बीमारियों की महंगी दवाएं लिखीं – वो भी बिना मरीजों से मिले।

AI ने पैटर्न की पड़ताल की और गड़बड़ी की परतें खोलनी शुरू कीं। कहीं एक सीटी स्कैन से 34 मरीजों का इलाज दिखाया गया, तो कहीं दवा दुकानों और डॉक्टरों की मिलीभगत उजागर हुई। खैरथल के बिब्बीरानी केंद्र में तैनात डॉक्टर मनीषा चौधरी के नाम पर एक ही परिवार के चार सदस्यों को महंगी लिवर मेडिसिन "यूडिलिव" लिखी गई थी – लेकिन AI ने स्पेलिंग और राइटिंग पैटर्न से ये खेल पकड़ लिया।

मजेदार बात यह है कि मरीज डॉक्टर से कभी मिले ही नहीं थे। दवा दुकान "कोटकासिम का पवन मेडिकल" सीधे डॉक्टर से पर्ची बनवाकर महंगी दवा उठा रहा था और मरीजों को बेच रहा था। जब जांच की खबर लगी तो डॉक्टर मनीषा अस्पताल से नदारद हो गईं।

ये कोई आम गड़बड़ी नहीं थी। ये उस भरोसे पर चोट थी, जो एक मरीज सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं पर करता है। लेकिन AI की चौकसी ने यह भरोसा दिखाया कि अब हर सिस्टम में पारदर्शिता लाई जा सकती है – बस नीयत साफ होनी चाहिए।