भारत लौट रहा है देश का सबसे खतरनाक दुश्मन! ताहव्वर राणा के आने से जेलों में हाई अलर्ट
मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को आज भारत लाया जा सकता है। एनआईए को सौंपे जाने के बाद होगी गहन पूछताछ। जानिए पूरा घटनाक्रम।

देश के सबसे भयानक आतंकी हमले 26/11 का जख्म आज भी लोगों के दिलों में ताजा है। अब उसी हमले के मास्टरमाइंडों में से एक तहव्वुर राणा को भारत लाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। बुधवार को राणा को भारत लाए जाने की संभावना जताई गई है, जिसके बाद उसे तुरंत राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दिया जाएगा।
राणा ने 2008 के हमले में अहम भूमिका निभाई थी। वह न सिर्फ लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य था, बल्कि उसने डेविड हेडली को भारत यात्रा में मदद पहुंचाई, जिससे हमले की योजना को जमीन पर उतारा जा सका। अमेरिकी दस्तावेज बताते हैं कि हमले से कुछ ही दिन पहले राणा मुंबई के पवई स्थित रेनेसां होटल में ठहरा था। वह 11 से 21 नवंबर तक भारत में रहा और उसके पांच दिन बाद ही देश थर्रा उठा।
राणा के पास कनाडा की नागरिकता है, लेकिन उसके पाकिस्तानी संबंध और ISI से नजदीकियां जगजाहिर हैं। उसने हमले के बाद पाकिस्तान से मारे गए आतंकियों को मरणोपरांत सेना सम्मान देने की भी मांग की थी। यह वही हमला था जिसमें 166 लोगों की जान गई थी, और जिसे अंजाम देने के लिए आतंकी समुद्री रास्ते से आए थे।
भारत सरकार ने राणा के प्रत्यर्पण के लिए 2019 से कोशिशें शुरू की थीं। उसकी अर्जी अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में खारिज कर दी, जिसके बाद उसका भारत आना तय हो गया। डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान प्रत्यर्पण की मंजूरी दी थी। इस पूरी प्रक्रिया पर निगरानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और गृह मंत्रालय कर रहा है।
दिल्ली और मुंबई की जेलों में सुरक्षा को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सूत्रों के अनुसार, एनआईए राणा से लंबी और बारीकी से पूछताछ करेगी। उसके पाकिस्तान, आईएसआई और लश्कर से रिश्तों के कई और कड़ियों को जोड़ने की उम्मीद है।
ये सिर्फ एक गिरफ्तारी नहीं, देश के लिए एक बड़ी जवाबदेही और न्याय की दिशा में कदम है। तहव्वुर राणा का भारत आना उन 166 मासूमों के लिए एक श्रद्धांजलि है, जो उस रात बेगुनाह मारे गए थे।