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सिंधिया वंश की 'कुलदेवी', जहां Vasundhara Raje अहम फैसले से पहले करती हैं पूजा, माता देती हैं विजय का आशीर्वाद!

Tripura Sundari Mata Mandir: बीजेपी की आला नेता और महिलाओं के लिए एक बड़ा उदाहरण बन चुकीं वसुंधरा राजे राजस्थान के बांसवाड़ा में स्थित त्रिपुरा सुंदरी माता के मंदिर में आशीर्वाद लेने जाती हैं। उन्हें कई बार वहां पर देखा गया है। सिंधिया कुल की यह कुलदेवी हैं।

सिंधिया वंश की 'कुलदेवी', जहां Vasundhara Raje अहम फैसले से पहले करती हैं पूजा, माता देती हैं विजय का आशीर्वाद!

जीवन के अहम फैसलों से पहले तमाम प्रसिद्ध और आम लोगों को उनकी आस्था से जुड़े मंदिरों में जाते देखा जाता है। देश के तमाम राजनैतिज्ञ भी मंदिरों में भगवान को आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं। आज हम राजस्थान की पहली महिला और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बारे में बात करने वाले हैं, वो जीवन के कई अहम फैसलों से पहले किस मंदिर में आशीर्वाद लेने पहुंचती हैं और वहां कि क्या खासियत हैं, वो हम आपको बताएंगे।

किस मंदिर से है वसुंधरा राजे का खास रिश्ता!

बीजेपी की आला नेता और महिलाओं के लिए एक बड़ा उदाहरण बन चुकीं वसुंधरा राजे राजस्थान के बांसवाड़ा में स्थित त्रिपुरा सुंदरी माता के मंदिर में आशीर्वाद लेने जाती हैं। उन्हें कई बार वहां पर देखा गया है। सिंधिया कुल की यह कुलदेवी हैं। माना जाता है कि वसुंधरा राजे का त्रिपुरा सुंदरी माता मंदिर से खास रिश्ता है। साल 2023 में मुख्यमंत्री नाम पर चल रही चर्चा के बीच भी वो त्रिपुरा सुंदरी माता मंदिर गई थीं।

सिंधिया वंश की कुलदेवी

जानकारी के मुताबिक, मंदिर भारत में महत्वपूर्ण ऐतिहासिक प्रभाव वाले एक प्रमुख शाही परिवार सिंधिया वंश की कुलदेवी भी है। सिंधिया वंश, सुख और समृद्धि के लिए आशीर्वाद लेने के लिए नियमित रूप से मंदिर जाते हैं।

क्या है त्रिपुरा सुंदरी माता मंदिर की खासियत

त्रिपुरा सुंदरी माता का मंदिर राजस्थान के बांसवाडा जिले में स्थित है। माना जाता है कि ये माता का ऐसा शक्ति पीठ है जहां चुनाव से पहले नेता सत्ता पाने के लिए अपनी अर्जी लगाने आते हैं। ये भी कहा जाता है कि मंदिर के आस-पास पहले तीन दुर्ग हुआ करते थे- शक्तिपुरी, शिवपुरी और विष्णुपुरी। इन तीन पुरियों के मध्य स्थित होने के कारण भी इसे त्रिपुरा सुंदरी बोला जाने लगा। 

दिन में तीन बार बदलता है मां का रुप

मंदिर को लेकर मान्यता है कि देवी की मूर्ति दिन में तीन बार अपना रूप बदलती है। सुबह के समय कुमारिका, दोपहर के समय यौवना और शाम की वेला में प्रौढ़ रूप में मां के दर्शन होते है। माना जाता है कि यहां प्रार्थना करने से सफलता और शक्ति मिलती है। चुनाव के समय, देवी का आशीर्वाद लेने के लिए राजनेताओं के आने की संख्या में वृद्धि देखी जाती है।