श्री सांवलिया सेठ मंदिर: राजस्थान का अनोखा मंदिर जहां भगवान बनते हैं भक्तों के बिजनेस पार्टनर, हर माह रिकॉर्ड तोड़ दान
Shri Sanwaliya Seth Mandir Donation: मंदिर प्रशासन के अनुसार, इस माह की गिनती के पहले चरण में ही दानपात्र से 8 करोड़ 8 लाख रुपये की नकद राशि निकली. श्री सांवलिया सेठ का मासिक भंडार कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को खोला जाता है, जिसमें मंदिर मंडल के प्रशासनिक अधिकारी, अध्यक्ष और सदस्यगण उपस्थित रहते हैं.

राजस्थान के मेवाड़ क्षेत्र में स्थित सुप्रसिद्ध श्री सांवलिया सेठ मंदिर अपनी अनोखी परंपरा के लिए प्रसिद्ध है. यहां व्यापारी अपने व्यवसाय में भगवान को बिजनेस पार्टनर मानते हैं और अपने लाभ का एक निश्चित हिस्सा मंदिर को अर्पण करते हैं. यही कारण है कि इस मंदिर के दानपात्र में हर माह रिकॉर्ड तोड़ चढ़ावा जमा होता है.
दानपात्र से निकली 8.08 करोड़ की राशि, शेष गिनती जारी
मंदिर प्रशासन के अनुसार, इस माह की गिनती के पहले चरण में ही दानपात्र से 8 करोड़ 8 लाख रुपये की नकद राशि निकली. श्री सांवलिया सेठ का मासिक भंडार कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को खोला जाता है, जिसमें मंदिर मंडल के प्रशासनिक अधिकारी, अध्यक्ष और सदस्यगण उपस्थित रहते हैं.
इस बार श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होने के कारण 30 जनवरी से शेष राशि की गिनती की जाएगी। मासिक दानपात्र की गिनती आमतौर पर 4 से 5 चरणों में पूरी होती है.
ऑनलाइन और मनीऑर्डर से आने वाली राशि की गिनती बाकी
दानपात्र में नकद राशि के अलावा, ऑनलाइन माध्यमों, भेंट कक्ष और मनीऑर्डर से प्राप्त धनराशि की गिनती अभी शेष है. इसके साथ ही, श्रद्धालुओं द्वारा अर्पित किए गए सोने-चांदी का भी तौल किया जाना बाकी है. भक्तों की आस्था का आलम यह है कि कई व्यापारी अपने मुनाफे का एक निश्चित प्रतिशत मंदिर को अर्पण करने की परंपरा निभाते हैं.
हर माह बढ़ रहा चढ़ावे का रिकॉर्ड
श्री सांवलिया सेठ मंदिर में हर माह चढ़ावे की राशि लगातार बढ़ती जा रही है. बीते माह खोले गए दानपात्र से लगभग 23 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे. आंकड़ों के अनुसार, पिछले डेढ़ साल में मंदिर को मिलने वाले चढ़ावे में दो से ढाई गुना वृद्धि हुई है.
अगर यही सिलसिला जारी रहा, तो आने वाले महीनों में श्री सांवलिया सेठ मंदिर का रोजाना का चढ़ावा एक करोड़ रुपये के पार पहुंच सकता है.
व्यापारियों की विशेष आस्था
यह मंदिर विशेष रूप से व्यापारियों के बीच बेहद लोकप्रिय है. यहां आने वाले श्रद्धालु भगवान श्री सांवलिया सेठ को अपना व्यापारिक साझेदार मानते हैं और अपने लाभ का एक हिस्सा मंदिर को समर्पित करते हैं. यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है, जिससे मंदिर को हर माह करोड़ों रुपये का चढ़ावा प्राप्त होता है.
अद्वितीय आस्था और चमत्कारी मान्यता
श्री सांवलिया सेठ मंदिर न केवल धन-संपत्ति की दृष्टि से समृद्ध है, बल्कि भक्तों की आस्था का केंद्र भी है. यहां आने वाले श्रद्धालु मानते हैं कि भगवान की कृपा से उनका व्यापार दिन दूना, रात चौगुना बढ़ता है। मंदिर में चढ़ाए गए दान का उपयोग विभिन्न सामाजिक और धार्मिक कार्यों में किया जाता है.