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महाकुंभ में श्रद्धालुओं की AI से हो रही सुरक्षा, 144 सालों बाद बना दुर्लभ संयोग, जानें कितने होंगे शाही स्नान

प्रयागराज में महाकुंभ का महापर्व शुरू हो गया है, जिसमें लाखों श्रद्धालु मोक्ष और अमृत ज्ञान की प्राप्ति के लिए संगम में डुबकी लगा रहे हैं। इस बार 144 सालों बाद अद्भुत संयोग बन रहा है, जिससे यह महाकुंभ और भी पवित्र हो गया है। 

महाकुंभ में श्रद्धालुओं की AI से हो रही सुरक्षा, 144 सालों बाद बना दुर्लभ संयोग, जानें कितने होंगे शाही स्नान

प्रयागराज के पावन संगम तट पर महाकुंभ के महापर्व की शुरूआत हो गई है, जिसमें शामिल होने के लिए देश से नहीं विदेशों से लोग आ रहे हैं। इस महाकुंभ में पावन डुबकी लगाकर मोक्ष और अमृत ज्ञान को प्राप्त करने के लिए लाखों की संख्या में लोग आ रहे हैं। इसमें सोमवार से पहला शाही स्नान शुरू हो चुका है जिसमें कुछ घंटों में लाखों लोग डुबकी लगा चुके हैं और हर घंटे लगभग दो लाख से ज्यादा श्रद्धालु स्नान कर रहे हैं।

बता दें कि यह महापर्व 26 फरवरी तक चलेगा, जिसमें गंगा और यमुना के किनारे बनाये गये अस्थायी टेंट सिटी को करीब डेढ़ महीने से ज्यादा तक चलाया जाएगा। बता दें कि  महाकुंभ हर 12 साल में एक बार आयोजित किया जाता है। साल 2018 में उत्तर प्रदेश सरकार ने एक कानून पारित करके इस पूर्ण कुंभ का नाम महाकुंभ और छह साल में होने वाले अर्ध कुंभ को कुंभ मेला नाम दिया गया था।

144 सालों बाद अद्भुत संयोग

इस बार महाकुंभ पर 144 सालों के बाद एक अद्भुत संयोग बन रहा है। जी हां सूर्य चंद्रमा, बृहस्पति और शनि की स्थिति 144 साल बाद एक साथ शुभ बन रही है। इसके साथ ही पूर्णिमा, रवि योग और भद्रावास का भी संयोग बन रहा है और यहीं संयोजन समुद्र मंथन के समय भी हुआ था,  इसलिए ही इस बार का महाकुंभ बेहद पवित्र और शुभ माना जा रहा है। इस बार महाकुंभ में छह शाही स्नान होने वाले हैं। पहला 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा स्नान, दूसरा 14 जनवरी को मकर संक्रांति स्नान, तीसरा 29 जनवरी को मौनी अमावस्या स्नान, चौथा 3 फरवरी को बसंत पंचमी स्नान, पांचवा 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा स्नान, छठा 26 फरवरी को महाशिवरात्रि स्नान होगा।

महाकुंभ में AI टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल

इस महाकुंभ में लाखों संख्या की आ रही भीड़ को संभालना एक बहुत बड़ा टास्क हो गया है। इसके लिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह से सचेत है और इसमें हमें भक्ति के साथ टेक्नोलॉजी का संगम भी देखने को मिल रहा है। इस मेले में करोड़ों लोगों की सुरक्षा और सुविधा के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है। भीड़ को मैनेज करने के लिए और लोगों की सुरक्षा के लिए आपको हर जगह टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते नजर आएंगे।

इस महाकुंभ में आ रही बड़ी संख्या में आने वाली भीड़ को मैनेज करने के लिए AI इनेबल कैमरा, RFID रिस्टबैंड, ड्रोन सर्विलांस और मोबाइल ऐप ट्रैंकिंग जैसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है। इस महापर्व में हिस्सा लेने वाले श्रद्धालु वर्चुल रियलिटी स्टॉल के द्वारा गंगा आरती और दूसरे कार्यक्रमों को देख पाएंगे, इसके अलावा रात में 2000 ड्रोन्स से एक ड्रोन शो भी आयोजित किया जाएगा।