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हनुमान चालीसा के 418 शब्दों में छिपा है चमत्कार, हर पाठ में मिलती है अनजानी शक्ति

हनुमान चालीसा केवल पाठ नहीं, राम कृपा का महामंत्र है। जानिए इसमें हनुमान जी के 108 नाम, 418 शब्द और इसका हर रोज़ पाठ करने से मिलने वाले अद्भुत फल के बारे में।

हनुमान चालीसा के 418 शब्दों में छिपा है चमत्कार, हर पाठ में मिलती है अनजानी शक्ति

सनातन धर्म में श्रीराम की कृपा को जीवन का सबसे बड़ा वरदान माना गया है और श्रीराम तक पहुंचने का सबसे सरल, सीधा और सशक्त माध्यम हैं श्री हनुमान जी। उनके चरणों में बैठकर रामभक्ति का फल सहज ही प्राप्त होता है। यही कारण है कि करोड़ों सनातन प्रेमी प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं, लेकिन बहुत कम लोग इसके भीतर छिपे रहस्यों और दिव्यता से परिचित होते हैं।

महाकवि तुलसीदास द्वारा रचित हनुमान चालीसा न केवल एक भक्ति गीत है, बल्कि यह एक ऐसी साधना है जिसमें हनुमान जी के 108 नाम शामिल हैं। इनमें से 12 नामों को अत्यंत प्रभावशाली और विशेष माना जाता है। यदि आप रोज़ हनुमान चालीसा पढ़ते हैं, तो आप अनजाने में ही हनुमान जी के 108 नामों का जप कर लेते हैं, जिससे एक माला के जाप का फल स्वतः ही मिल जाता है।

हनुमान चालीसा में कुल 418 शब्द और 1041 अक्षर होते हैं। राम नाम का 10 बार उल्लेख होता है। यानी हर बार जब आप इसका पाठ करते हैं, आप राम नाम का जप भी कर रहे होते हैं  वो भी पूरी श्रद्धा और संकल्प के साथ।

फल की बात करें तो, जो व्यक्ति नियमित रूप से चालीसा का पाठ करता है, वह जीवन में आने वाले अनगिनत संकटों से स्वतः ही सुरक्षित हो जाता है। कहा जाता है कि यदि कोई व्यक्ति रोज़ 9 बार हनुमान चालीसा का पाठ करे तो उसे एक माला श्रीराम नाम जप के बराबर पुण्यफल प्राप्त होता है।

कहा भी गया है – “भूत पिशाच निकट नहीं आवे, महावीर जब नाम सुनावे।”

सावधानियों की बात करें तो, हनुमान जी की साधना करते समय ब्रह्मचर्य का पालन सबसे अहम है। साधना काल में मानसिक और शारीरिक शुद्धता ज़रूरी होती है। विशेष रूप से महिलाओं से दूरी, सात्विक आहार और संयमित दिनचर्या रखने से साधना सफल होती है। हनुमान चालीसा केवल एक पाठ नहीं, यह एक ऊर्जा है, एक सुरक्षा कवच है, और श्रीराम तक पहुंचने की सीढ़ी है।