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महाकुंभ में मौत की भगदड़, आस्था के सैलाब में कुचल गई 30 जिंदगियां, सीएम योगी भी हुए भावुक, बोले- ये पीड़ा असहनीय है

Mahakumbh Incident : प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में मंगलवार देर रात जो हुआ, वो भयानक थी। संगम नोज के पास श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी बढ़ गई कि बैरिकेड टूट गए, और कुछ ही क्षणों में अफरा-तफरी मच गई।

महाकुंभ में मौत की भगदड़, आस्था के सैलाब में कुचल गई 30 जिंदगियां, सीएम योगी भी हुए भावुक, बोले- ये पीड़ा असहनीय है

रात का सन्नाटा, संगम की ओर बढ़ती श्रद्धालुओं की अंतहीन कतारें, मौनी अमावस्या का पावन ब्रह्म मुहूर्त, और फिर अचानक चीख-पुकार… कुछ ही पलों में श्रद्धा का मेला मातम में बदल गया। प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में मंगलवार देर रात जो हुआ, वो भयानक थी। संगम नोज के पास श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी बढ़ गई कि बैरिकेड टूट गए, और कुछ ही क्षणों में अफरा-तफरी मच गई। जो भक्त पुण्य की डुबकी लगाने आए थे, वे खुद ही भीड़ के सैलाब में समा गए।

30 लोग कुचल गए, 60 घायल, हर तरफ दर्दनाक चीखें

डीआईजी वैभव कृष्णा ने बुधवार शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस हादसे में 30 श्रद्धालुओं की जान चली गई, जिनमें से 25 शवों की पहचान हो चुकी है, जबकि 5 की अभी भी पहचान नहीं हो पाई है। उन्होंने बताया, "रात 1 से 2 बजे के बीच भगदड़ मची। कुछ श्रद्धालु बैरिकेड्स तोड़कर आगे बढ़ने लगे। इसी दौरान कई लोग जो वहीं सो रहे थे, वे भीड़ की चपेट में आ गए और कुचलकर दम तोड़ दिया।"

सोचिए, जो लोग सो रहे थे, उन्हें शायद अंदाजा भी नहीं था कि वे इस कुम्भ में पुण्य लेने आए हैं, लेकिन उनकी सांसें यहीं थम जाएंगी।

सीएम योगी हुए भावुक, बोले- ये पीड़ा असहनीय है

भगदड़ में श्रद्धालुओं की मौत की खबर सुनते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भावुक हो गए। उनके चेहरे पर चिंता और दुख साफ झलक रहा था। उन्होंने हादसे पर गहरा शोक जताते हुए कहा, "इस घटना की पीड़ा असहनीय है। जिन परिवारों ने अपनों को खो दिया, उनके दर्द को मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता।"

सीएम योगी ने मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की और मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए। उन्होंने तीन सदस्यीय न्यायिक कमेटी गठित की, जिसमें पूर्व न्यायाधीश हर्ष कुमार, पूर्व आईएएस वीके गुप्ता और रिटायर्ड आईएएस बीके सिंह शामिल होंगे।

श्रद्धा का सैलाब मौत की लहर में कैसे बदला?

पुलिस के मुताबिक, अखाड़ा क्षेत्र में हजारों श्रद्धालु इकठ्ठा हो गए थे। इसी दौरान बैरिकेड्स टूट गए और लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे। भीड़ में मौजूद महिलाएं और बुजुर्ग खुद को संभाल भी नहीं सके। जो जहां गिरा, वहीं कुचल गया।

डीआईजी वैभव कृष्णा ने कहा, "ये हादसा हमारी आत्मा को झकझोरने वाला है। प्रशासन ने पूरी कोशिश की थी कि सब कुछ सुचारू रूप से चले, लेकिन भीड़ का नियंत्रण रखना मुश्किल हो गया था।"

हेल्पलाइन नंबर जारी, पुलिस करेगी जांच

सरकार ने पीड़ित परिवारों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया है। वहीं, मुख्य सचिव और डीजीपी खुद घटनास्थल का दौरा करेंगे और ये सुनिश्चित करेंगे कि ऐसी घटना फिर न दोहराई जाए।

श्रद्धालुओं की आंखों में आंसू, अपनों को खोजती नजरें

मौनी अमावस्या पर लाखों लोग पुण्य कमाने संगम पहुंचे थे, लेकिन कई परिवारों की खुशियां मातम में बदल गईं। जो लोग अपनों के साथ आए थे, वे अब उनके शवों की शिनाख्त के लिए अस्पतालों और पुलिस चौकियों के चक्कर काट रहे हैं।

एक बुजुर्ग महिला जो अपने पति को खो चुकी थी, बिलखते हुए बोली, "हम पुण्य कमाने आए थे, लेकिन हमारी जिंदगी ही शापित हो गई। भगवान से यही प्रार्थना है कि ऐसा कुम्भ फिर कभी न हो।"

कुंभ, जो साक्षी बना आस्था और अनहोनी का…

कुंभ जैसे महापर्व में उमड़ने वाली भीड़ से प्रशासन हर बार जूझता है, लेकिन क्या मौत की ऐसी विभीषिका को टाला नहीं जा सकता था? ये सवाल आज हर उस परिवार के मन में उठ रहे हैं, जिन्होंने अपने किसी अपने को इस हादसे में खो दिया।

श्रद्धा के इस महापर्व में जो हुआ, उसने सिर्फ प्रयागराज ही नहीं, बल्कि पूरे देश को झकझोर दिया। क्या अगली बार प्रशासन इस पीड़ा से बचने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगा? या फिर इतिहास खुद को दोहराता रहेगा?