कोर्ट ने 50 लाख रंगदारी केस में लॉरेंस बिश्नोई को किया बरी, नहीं मिला एक भी सबूत, जानिए क्या है पूरा मामला
पंजाब के फरीदकोट में जेएमआईसी एस सोही की कोर्ट ने कोटकपूरा के एक कपड़ा कारोबारी से व्हाट्सएप कॉल से 50 लाख की रंगदारी मांगने के मामले में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को सबूत के अभाव में बरी कर दिया। हालांकि इस केस में गोल्डी बराड़ भगौड़ा है।

कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को फरीदकोट की अदालत ने 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगने के मामले में बरी कर दिया है। ये मामला कोटकपूरा के एक कपड़ा कारोबारी का था, जिसने आरोप लगाया था कि उसे गोल्डी बराड़ ने लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर उसे धमकाया था और 50 लाख की रंगदारी मांगी गई।
नहीं मिले सबूत, किया गया बरी
पंजाब के फरीदकोट में जेएमआईसी एस सोही की कोर्ट ने कोटकपूरा के एक कपड़ा कारोबारी से व्हाट्सएप कॉल से 50 लाख की रंगदारी मांगने के मामले में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को सबूत के अभाव में बरी कर दिया। हालांकि इस केस में गोल्डी बराड़ भगौड़ा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ के खिलाफ 19 जुलाई 2021 में कोटकपूरा के कपड़ा कारोबारी ने थाना सिटी कोटकपूरा में केस दर्ज कराया था। जिसमें कारोबारी ने कहा कि गोल्डी बराड़ ने फोन किया था और बिश्नोई के नाम पर 50 लाख की रंगदारी मांगी गई थी। मांग पूरी न होने पर कारोबारी के परिवार को जान से मारने की धमकी भी दी गई थी।
लॉरेंस के वकील ने क्या कहा
लॉरेंस बिश्नोई के वकील अमित मित्तल ने बताया कि लॉरेंस बिश्नोई पर फिरौती मांगने का आरोप लगाया गया था। शिकायतकर्ता कोर्ट में कोई सबूत नहीं दे पाया, जिसके चलते अदालत ने वकील के दलीलों से सहमत होते हुए लॉरेंस बिश्नोई को बरी करने के आदेश दिए हैं। आपको बता दें, केस दर्ज होने के बाद साल 2022 में लॉरेंस बिश्नोई को एक केस के सिलसिले में पंजाब लाया गया था, तब फरीदकोट पुलिस ने भी लॉरेंस को इस मामले में गिरफ्तार कर फरीदकोट कोर्ट में पेश किया था। फिर बाद में उसकी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेशी होती रही।