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प्यार में ठुकराए युवक की घिनौनी हरकत, एकतरफा प्यार में बदले की खौफनाक कहानी, एक क्लिक से बर्बाद की जिंदगी

Rajasthan Crime : AI की एक तकनीक, जिसे डीप फेक कहा जाता है, का इस्तेमाल लोगों की तस्वीरें लेकर उनके नकली अश्लील वीडियो बनाने में किया जा रहा है। ये तकनीक इतनी सटीक है कि असली-नकली का फर्क करना मुश्किल हो जाता है।

प्यार में ठुकराए युवक की घिनौनी हरकत, एकतरफा प्यार में बदले की खौफनाक कहानी, एक क्लिक से बर्बाद की जिंदगी

Rajasthan Crime : तकनीक का मकसद था इंसानी जिंदगी को आसान बनाना, लेकिन अब इसका इस्तेमाल लोगों की जिंदगियां बर्बाद करने के लिए किया जा रहा है। ऐसा ही कुछ हो रहा है राजस्थान के जोधपुर में, जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से बनाए जा रहे अश्लील वीडियो और तस्वीरों के जरिए लोगों को ब्लैकमेल किया जा रहा है।

डीप फेक का खतरनाक खेल

AI की एक तकनीक, जिसे डीप फेक कहा जाता है, का इस्तेमाल लोगों की तस्वीरें लेकर उनके नकली अश्लील वीडियो बनाने में किया जा रहा है। ये तकनीक इतनी सटीक है कि असली-नकली का फर्क करना मुश्किल हो जाता है। जोधपुर पुलिस के पास ऐसी कई शिकायतें आई हैं, जहां लोग इस तकनीक के जरिए ब्लैकमेलिंग का शिकार हुए हैं।

एकतरफा प्यार बना सजा

जोधपुर के एक प्राइवेट कॉलेज की छात्रा को एकतरफा प्यार के कारण ऐसी हैवानियत का सामना करना पड़ा। एक युवक उसे लंबे समय से परेशान कर रहा था। जब लड़की ने उसे ब्लॉक कर दिया, तो उसने बदला लेने के लिए AI से लड़की के अश्लील वीडियो बनाकर वायरल कर दिए।
ऐसा ही एक और मामला सामने आया, जहां एक महिला के शादी के बाद उसके पूर्व प्रेमी ने उसके नकली अश्लील वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिए।

कैसे रखें खुद को सुरक्षित?

  • अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल को प्राइवेट रखें।
  • अनजान लोगों को अपनी तस्वीरें शेयर न करें।
  • किसी भी संदिग्ध घटना की तुरंत शिकायत साइबर सेल में करें।
  • सोशल मीडिया पर अपनी मौजूदगी को नियंत्रित और सुरक्षित रखें।

साइबर एक्सपर्ट्स का अलर्ट

साइबर एक्सपर्ट्स के मुताबिक, पिछले छह महीनों में ऐसे 30 से ज्यादा ऐप सामने आए हैं, जो इस तरह के नकली वीडियो बनाने में मदद करते हैं। हालांकि, गूगल ने इन्हें बैन कर दिया है, फिर भी ऐसे ऐप्स अन्य तरीकों से उपलब्ध हो रहे हैं।

तकनीक का सही इस्तेमाल

तकनीक का इस्तेमाल जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए होना चाहिए, न कि इसे नर्क बनाने के लिए। डीप फेक जैसे खतरनाक पहलुओं से बचने के लिए हर व्यक्ति को जागरूक और सतर्क रहना होगा। अगर ऐसी घटनाएं हों, तो तुरंत पुलिस और साइबर सेल की मदद लें। ये सिर्फ आपकी नहीं, बल्कि समाज की सुरक्षा का सवाल है।